आगरा: सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने बटेश्वर मेले के अवसर पर होने वाले आयोजनों में उटंगन नदी पर केंद्रित एक विशेष ‘नदी सम्मेलन’ को शामिल करने का अनुरोध किया है। सोसायटी ने यह मांग जिला पंचायत अध्यक्ष से की है, जिसका मुख्य उद्देश्य नदी के महत्व और जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है।
उटंगन नदी की भूमिका और जल भंडारण का प्रस्ताव
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि उटंगन नदी में जल की भरपूरिता और उसके समुचित उपयोग से संबंधित योजनाओं के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि जनपद के लगातार गिरते भूजल स्तर को थामने में उटंगन नदी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
सोसायटी ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिया है: रेहावली गांव (फतेहाबाद तहसील) और रीठे गांव (बाह तहसील) के बीच नदी पर मानसून कालीन पानी रोक कर भंडारण किया जाए। इस संग्रहित करोड़ों घन मीटर पानी का उपयोग न केवल भूजल स्तर को सुधारने में होगा, बल्कि बटेश्वर मंदिर के घाटों को भी शुद्ध ताजा जल उपलब्ध करवाया जा सकेगा। यह विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा, सोमवार दिवसों और शिवरात्रि पर्वों पर आवश्यक है, जब बटेश्वर में यमुना में शुद्ध पानी की जरूरत खास तौर पर रहती है।
अति दोहित क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
अनिल शर्मा ने बताया कि प्रस्तावित बांध के निर्माण से शमसाबाद, फतेहाबाद, पिनाहट और बाह ब्लॉक के क्षेत्रों में भूमिगत जल के स्तर और गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा। वर्तमान में ये सभी विकास खंड अति दोहित (Over-exploited) श्रेणी में हैं, जहां गिरते जलस्तर के कारण अधिकांश गांवों में हैंडपंप काम करना बंद कर चुके हैं।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का मानना है कि इस सम्मेलन से उटंगन नदी को पुनर्जीवित करने और क्षेत्र के जल संकट को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है।