संवाददाता: प्रदीप यादव
जैथरा, एटा: जनपद एटा के जैथरा थाना क्षेत्र में एक झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस जांच में क्लीन चिट दे दी गई है। पीड़ित ने गर्भवती पत्नी के इलाज के दौरान 5 माह के गर्भस्थ शिशु की मौत व पत्नी की आंखों की रोशनी चले जाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन 5 माह तक चलने वाली विवेचना में पुलिस आरोपों के सापेक्ष पर्याप्त सबूत न जुटा सकी।
थाना क्षेत्र के गांव गढ़िया अहिरान निवासी पीड़ित जनवेश के अनुसार गर्भवती पत्नी रीतू को मामूली बुखार आ गया। आरोप है कि डॉक्टर रामनरेश के पुत्र डॉ अखिलेश ने गलत उपचार किया, जिससे उसकी पत्नी की आंखों की रोशनी चली गई और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। गंभीर अवस्था में वह मरीज को अन्यत्र लेकर गया, तब जाकर पत्नी की जान बचाई जा सकी।
पीड़ित की शिकायत पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ जैथरा थाने में धारा 313, 326 में प्राथमिकी दर्ज की गई। 5 माह तक जांच करने के उपरांत पुलिस आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं जुटा सकी। अपनी जांच में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर आरोपी डॉक्टर को दोष मुक्त कर दिया।
हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी उमेश कुमार त्रिपाठी ने अपनी जांच में आरोपी डॉक्टर को दोषी पाया और क्लिनिक को सीज कर दिया। उन्होंने बताया कि आरोपी डॉक्टर के पास न तो कोई डिग्री है और न ही लाइसेंस। वह बिना किसी योग्यता के मरीजों का इलाज कर रहा था।
इस मामले में पीड़ित जनवेश ने कहा कि पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए उच्च न्यायालय जाएंगे।