– विद्युत-यांत्रिक खंड में ठेकेदारों की बल्ले-बल्ले, मानकों की उड़ाई धज्जियां
– सरपस्ती में हुआ खेल! चहेते ठेकेदार को मिले करोड़ों के टेंडर
– अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदार को पूल कराये 40 करोड़ के सौन्दर्यकरण के टैडर
– प्रतिस्पर्धा के मानकों को नहीं किया पूरा
– फीस व ई.एम.डी एक ही बैंक खाते से हुई जमा
– ई.एम.डी एक ही बैंक खाते में हुई वापस
आगरा। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है। इसके बावजूद आगरा विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अभियंताओं में उनका खौफ नहीं है और विद्युत, यांत्रिक खंड में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। आरोप है कि पिछले दो वर्षों में एडीए अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदार को टेंडर को पूल कराकर 40 करोड़ के सौन्दर्यकरण के टैंडर दिये है। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों की सरपस्ती में इन टेंडरों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है औऱ मानकों को पूरा नहीं किया गया है।
इस संबंध में एक शिकायत जी.एस.अरोरा ने आगरा के मंडलायुक्त से की है। जिसमें मंडलायुक्त ने आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष को कार्रवाई करने के लिए लिखा है। इसके बाद आगरा विकास प्राधिकरण के विद्युत, यांत्रिक खंड में हड़कंप मच गया है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि आगरा विकास प्राधिकरण आगरा के विद्युत,यांत्रिक खंड मे पिछले दो वर्षों में 40 करोड़ के सौन्दर्यकरण के लिए किए गए टैडरों में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। टेंडर के रेटों को देखकर स्पष्ट हो जाएगा कि इन टैंडरों में प्रतिस्पर्धा के मानकों को पूरा नहीं किया गया। कुछ चहेते ठेकेदारों को पूल कराकर 40 करोड़ के टैंडर दे दिए गए हैं। पूल करने में एक ही ठेकेदार ने एक टेंडर में विभागीय प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तीन टेंडर डालें है। तीनों टेंडरों में टेंडर फीस व ई.एम.डी एक ही बैंक खाते से जमा की गई व ई.एम.डी एक ही बैंक खाते में वापस हुई है। विद्युत, यांत्रिक खंड के अधिकारी चहेते ठेकेदारों को फर्जी तरीके से रनिग भुगतान कर रहे हैं।
ठेकेदार ने टेंडर में दिए गए मानकों के अनुसार कार्य नहीं कर रहे है। जिससे किए गए कार्य की गुणवत्ता बहुत खराब हो रहीं है। ठेकेदार के पास कार्य के गुणवत्ता के अनुसार होने का कोई प्रमाण नहीं है ।विद्युत,यांत्रिक के अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ी शातीर तरीके के साथ इन टेंडरों में किए गए कार्यों की गुणवत्ता की जांच व एम.बी. भरना पथकर निधि के आउटसोर्स के अवर अभियंता महावीर सिंह से कराई है। जिनके हस्ताक्षर के बाद अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए चहेती फर्म ने टेंडर में दिए गए निर्धारित समय में कार्य को पूर्ण नहीं किया है। इस पर मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी ने फर्म पर पेनल्टी लगाने के आदेश भी दिए थे। उनका तबादला होने के बाद अधिकारियों ने चहेती फर्मों पर कोई पेनल्टी नहीं लगाई गई विद्युत,यांत्रिक खंड के अधिकारियों ने पूलिंग टेंडर कराके व खराब गुणवत्ता के कारण प्राधिकरण को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। विद्युत,यांत्रिक खंड़ के अधिकारी पथकर निधि के आउटसोर्स जे.ई महावीर सिंह के माध्यम से व्यापक घपले कर रहे हैं। महावीर सिंह के हस्ताक्षर से पहले कोई भी जे.ई किसी फाइल पर साइन नहीं करता है जबकि इस खंड में कई जेई पोस्टेड हैं।
शिकायतकर्ता ने मंडलायुक्त से लिस्ट में दिए गए सभी टेंडर कि व किए गए कार्यों की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए व विद्युत,यांत्रिक खंड के अधिकारियों की व आउटसोर्स जे.ई महावीर सिंह की आय से अधिक संपत्ति की जाच कराई जाए जिससे प्राधिकरण को हो रहे आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत के साथ टेन्डर की लिस्ट व न्यूज पेपर कटिंग भी संलग्न की है।
जब इस संबंध में मंडलायुक्त आगरा मंडल शैलेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के लिए विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष को लिखा गया है। रिपोर्ट मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।