आगरा: शहर में ब्रांडेड कोचिंग संस्थानों के नाम पर चल रहे कुछ बड़े कोचिंग सेंटर्स छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मोशन कोटा, नारायणा कोचिंग जैसे कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों में किए जा रहे भ्रामक दावों की पोल अब खुलने लगी है। आरोप है कि ये संस्थान झूठे विज्ञापन और असफल परिणामों के बावजूद छात्रों से लाखों रुपये की फीस वसूल रहे हैं।
झूठे विज्ञापन, असफल परिणाम: आगरा सेंटर पर सवाल
मोशन कोटा, नारायणा कोचिंग जैसे कोचिंग सेंटर्स के विज्ञापनों में दावा किया जाता है कि यहां से पढ़कर छात्र IIT, NEET और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉप रैंक हासिल करते हैं। भोले-भाले छात्रों और उनके अभिभावकों को लुभाने के लिए झूठे प्रचार का सहारा लिया जा रहा है।
पिछले दो साल से चल रहे इस कोचिंग सेंटर अपने प्रचार में बड़े-बड़े दावे कर छात्रों से भारी फीस वसूल रहे हैं।
एक टॉपर, कई दावेदार: कोचिंग माफिया का खुलासा
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में खुलासा हुआ है कि कई कोचिंग सेंटर एक ही टॉपर छात्र को अपना ‘सफलता का चेहरा’ बताकर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। इस विज्ञापन में देखा जा सकता है कि एक मेधावी छात्र, जिसने IIT-JEE में अच्छी रैंक हासिल की थी, उसको कम से कम तीन अलग-अलग कोचिंग संस्थान अपना ‘टॉपर’ बता रहे हैं। मोशन कोटा समेत कई कोचिंग्स ने इस छात्र के फोटो और नाम का इस्तेमाल कर विज्ञापन चलाए, जबकि वास्तव में उन्होंने किसी अन्य संस्थान से पढ़ाई की थी।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर छात्रों और अभिभावकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ट्विटर और फेसबुक पर #CoachingMafia, #FakeCoachingAds जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई यूज़र्स ने इन संस्थानों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की मांग की है। एक यूज़र ने लिखा, “ये कोचिंग वाले छात्रों के सपनों से खिलवाड़ कर रहे हैं।”
फीस की लूट, गुणवत्ता पर सवाल
इन कोचिंग संस्थानों में फीस की रकम लाखों में वसूली जाती है, लेकिन पढ़ाई की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कई छात्रों ने शिकायत की है कि कोचिंग में न तो उचित मार्गदर्शन मिलता है और न ही अध्ययन सामग्री पर्याप्त है। एक पूर्व छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यहां फीस तो बहुत ज़्यादा ली जाती है, लेकिन पढ़ाई का स्तर औसत से भी नीचे है। टीचर्स खुद कन्फ्यूज़ करते हैं।” फिर भी, ब्रांड के नाम पर अभिभावकों को आकर्षित किया जाता है और मोटी रकम ऐंठी जाती है।
यह मामला कोचिंग संस्थानों द्वारा किए जा रहे भ्रामक विज्ञापनों और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ को उजागर करता है। क्या आपको लगता है कि ऐसे कोचिंग संस्थानों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए?