क्या था मामला?
याचिका कर्ता, रामखेलावन, जो कि सुल्तानपुर जिले के धम्मौर थाना क्षेत्र के बनकेपुर सरैया निवासी हैं, ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 17 दिसंबर 2024 को संसद के सदन में डॉ. भीम राव अंबेडकर के बारे में जो टिप्पणी की थी, वह न केवल अनुचित थी, बल्कि उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली थी। अमित शाह ने कहा था, “अंबेडकर-अंबेडकर अब एक फैशन बन गया है, अगर लोग भगवान का नाम लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग में रहते।”
रामखेलावन का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल डॉ. अंबेडकर के सम्मान का उल्लंघन करती है, बल्कि लाखों गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों की भावनाओं को भी आहत करती है, जिनके लिए बाबा साहब डॉ. अंबेडकर एक आदर्श और भगवान की तरह हैं। उन्होंने बताया कि इस टिप्पणी ने उनकी खुद की भावना को भी आहत किया है और इस कारण उन्होंने अमित शाह के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया है।
अधिवक्ता का बयान
अधिवक्ता जयप्रकाश, जो कि परिवादी रामखेलावन के वकील हैं, ने बताया कि अमित शाह ने लोकसभा में डॉ. भीम राव अंबेडकर के बारे में अत्यधिक अपमानजनक और अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी से न केवल डॉ. अंबेडकर के अनुयायी, बल्कि पूरे बहुजन समाज के लोग आहत हुए हैं। यही कारण है कि रामखेलावन ने उनके द्वारा दायर परिवाद के माध्यम से इस मामले को अदालत में लाया है।
पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने का आरोप
परिवादी रामखेलावन ने यह भी बताया कि उन्होंने पहले 24 दिसंबर 2024 को बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर सुल्तानपुर के पुलिस अधीक्षक से इस मामले की शिकायत की थी और इसके बाद रजिस्टर्ड डाक से भी कार्रवाई के लिए तहरीर भेजी थी। हालांकि, पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण उन्हें अब न्याय के लिए अदालत का रुख करना पड़ा।
कोर्ट की सुनवाई
अब इस मामले की सुनवाई 15 जनवरी, 2025 को सुल्तानपुर के MP/MLA कोर्ट में होगी। विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने इस मामले में याचिका की सुनवाई के लिए इस तारीख को निर्धारित किया है। अदालत में इस मामले की आगे की कार्यवाही की जाएगी और यह देखा जाएगा कि क्या अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी के कारण कोई कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए या नहीं।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह मामला भारतीय राजनीति और समाज में एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है, क्योंकि डॉ. भीम राव अंबेडकर के अनुयायी उन्हें समाज के लिए मसीहा और भगवान के समान मानते हैं। ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी ने उनके समर्थकों के बीच विवाद और आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। अब यह देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय देती है और क्या अमित शाह पर कोई कानूनी कार्रवाई होती है।