आगरा: आगरा की ऐतिहासिक शाही ज़ामा मस्जिद एक बार फिर विवादों में घिर गई है। हाल ही में मस्जिद परिसर में जानवर का कटा हुआ सिर मिलने से शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस घटना को लेकर सर्व समाज हित सेवा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद कामिल अबुल उलाई ने गोपनीय / ख़ुफ़िया जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि यह कृत्य शहर की फिजा बिगाड़ने की एक साजिश है, जिसके पीछे कुछ छुपे हुए दोषी हो सकते हैं।
NSA के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग
मोहम्मद कामिल अबुल उलाई ने इस गंभीर घटना के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं आगरा प्रशासन को एक लिखित पत्र जारी किया है। उन्होंने मांग की है कि:
-
इस मामले की गोपनीय व गहन जांच करवाई जाए
-
छुपे हुए षड्यंत्रकारियों की पहचान की जाए
-
दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कड़ी कार्रवाई हो
उनका कहना है कि,
“यह सिर्फ धार्मिक स्थल का अपमान नहीं है, बल्कि शहर की गंगा-जमुनी तहज़ीब को तोड़ने की कोशिश है।”
ज़ामा मस्जिद की कमेटियों में आंतरिक विवाद
घटना के बाद मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी और प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार:
-
मौजूदा कमेटी के अध्यक्ष जाहिद और सचिव के बीच वक्फ ज़ामा मस्जिद की आमदनी को लेकर गंभीर मतभेद हैं
-
पूर्व कमेटी और वर्तमान कमेटी के बीच भी विवाद और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है
यह संदेह जताया जा रहा है कि कहीं यह पूरी घटना आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम तो नहीं।
शहर की फिजा खराब करने की अंदरूनी साजिश?
कुछ सामाजिक संगठनों और जानकारों ने शंका जताई है कि:
“कहीं आपसी प्रतिद्वंद्विता और ज़मीन या आमदनी से जुड़े विवादों के चलते मौजूदा और पूर्व कमेटी में से किसी ने शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश तो नहीं रची?”
इस पहलू पर भी बारीकी से जांच की मांग की जा रही है।
प्रशासन को अलर्ट रहने की ज़रूरत
इस घटना के बाद शहर के नागरिकों और विभिन्न संगठनों ने प्रशासन से सतर्कता और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। पुलिस व खुफिया एजेंसियों को चाहिए कि:
-
मस्जिद परिसर के CCTV फुटेज खंगाले जाएं
-
सभी संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जाए
-
कमेटी के अंदरूनी दस्तावेज और लेनदेन की जांच हो
शाही ज़ामा मस्जिद: ऐतिहासिक धरोहर, अब विवादों का केंद्र
आगरा की शाही ज़ामा मस्जिद, जो कि मुग़ल काल की शानदार वास्तुकला का उदाहरण है, आज धार्मिक और सामाजिक विवादों में घिरती नजर आ रही है। ऐसे में ज़रूरत है कि इस विरासत स्थल को राजनीति और आपसी झगड़ों से बचाया जाए।