लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद ने शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण के ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया को हर हाल में 13 मई तक पूरा करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। परिषद ने सत्यापन की प्रक्रिया में अब तक की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को कड़ी चेतावनी दी है कि अब किसी भी तरह का बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा और न ही समय सीमा को आगे बढ़ाया जाएगा।
अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए प्रदेश भर से कुल 31,015 आवेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अभी तक केवल 1,913 आवेदनों का ही सत्यापन हो पाया है। इसी प्रकार, अंतःजनपदीय स्थानांतरण के 39,859 आवेदनों में से महज 2,009 का ही सत्यापन किया जा सका है। परिषद ने इस स्थिति को अधिकारियों की घोर लापरवाही का परिचायक बताया है।
परिषद ने 3 मई को जारी अपने दो महत्वपूर्ण पत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि समय पर कार्य पूरा करने के स्पष्ट और विस्तृत निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद, सत्यापन की गति बेहद धीमी है। परिषद ने यह भी उल्लेख किया कि कई बार बीएसए के अनुरोध पर समय सीमा को बढ़ाया भी गया, लेकिन अब गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों को उनके वर्तमान कार्यस्थल से कार्यमुक्त करने और नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण कराने की महत्वपूर्ण प्रक्रिया भी पूरी करनी है। ऐसे में, और अधिक देरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
परिषद ने सभी बीएसए से सख्त अपेक्षा की है कि वे अपने-अपने जिलों में लंबित पड़े सत्यापन कार्यों को तत्काल तेजी से पूरा करें। इसके साथ ही, परिषद ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि ऐसे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। परिषद का यह कड़ा रुख दर्शाता है कि वह शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया को समयबद्ध और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।