आगरा: स्थाई लोक अदालत ने टोरेंट पावर लिमिटेड और उसकी बीमा कंपनी को 2 जून 2019 को आगरा कॉलेज के सामने बिजली के खंभे में करंट आने से हुई युवक आशीष शर्मा की मौत के मामले में मृतक की पत्नी और डेढ़ वर्षीय पुत्र को 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 10 लाख, 6 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।
मृतक आशीष शर्मा संगमरमर की मूर्तियां बनाकर अपना जीवन यापन करता था। उसकी असामयिक मृत्यु के बाद उसकी 20 वर्षीय पत्नी ईशा शर्मा और डेढ़ वर्षीय पुत्र बेसहारा हो गए थे। मृतक ही उनके जीवन यापन का एकमात्र सहारा था।
उप निदेशक विद्युत सुरक्षा ने भी इस मामले में टोरेंट पावर लिमिटेड से मुआवजा देने की सिफारिश की थी, लेकिन कंपनी ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था।
श्रीमती ईशा शर्मा ने अपने और अपने पुत्र के जीवन यापन के लिए स्थाई लोक अदालत में मुकदमा दायर कर टोरेंट पावर लिमिटेड और उसकी बीमा कंपनी को पक्षकार बनाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 2 जून 2019 की रात लगभग 8:15 बजे आगरा कॉलेज के सामने नागरी प्रचारिणी गेट के पास टोरेंट पावर लिमिटेड की लापरवाही के कारण खंभे के सपोर्ट वायर में करंट उतरने से उनके पति आशीष शर्मा की असामयिक मृत्यु हो गई।
अदालत में टोरेंट पावर लिमिटेड ने असंवेदनशील बयान देते हुए कहा कि मृतक को इतनी जानकारी होनी चाहिए थी कि खंभे में करंट आ सकता है और उसे स्वयं खतरे से सावधान रहना चाहिए था। कंपनी ने यह भी कहा कि मृतक अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार था और उसने अपनी लापरवाही से जोखिम लिया। टोरेंट पावर लिमिटेड ने मुआवजे के संबंध में अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं बताई और कहा कि यदि कोई जिम्मेदारी बनती भी है, तो कंपनी ने इस जोखिम के खिलाफ यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड से पॉलिसी ली है, इसलिए मुआवजे की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है।
स्थाई लोक अदालत की अध्यक्ष शोभा पोरवाल, सदस्य हेमलता गौतम और पदमजा शर्मा ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद टोरेंट पावर लिमिटेड और उसकी बीमा कंपनी को वादी को मुकदमा दायर करने की तारीख 17 जुलाई 2020 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 10 लाख, 6 हजार रुपये देने का आदेश दिया।