महाकुंभ: पहले अमृत स्नान में उमड़ा जनसैलाब, 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

Deepak Sharma
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प्रयागराज: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान में एक ऐतिहासिक जनसैलाब उमड़ा। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम के तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान श्रद्धालुओं के इस अद्वितीय उत्साह को सराहा और सभी को शुभकामनाएं दीं।

सीएम ने अपनी पोस्ट में कहा, “आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुंभ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन!”

उन्होंने यह भी कहा, “प्रथम अमृत स्नान पर्व पर 3.50 करोड़ से अधिक संतों और श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया। इस पर्व के सकुशल संपन्न होने पर महाकुंभ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों और सभी सरकारी विभागों को हृदय से साधुवाद।”

सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता

पहला अमृत स्नान तड़के सुबह से ही शुरू हुआ, जब विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने संगम तट पर स्नान किया। 14 जनवरी की सुबह से ही अखाड़ों के जुलूसों में शामिल साधु-संत हाथों में त्रिशूल, गदा और भाला-बरछी लेकर संगम तट की ओर बढ़ते गए। “जय श्री राम”, “हर-हर महादेव” के जयघोष के साथ कई किलोमीटर लंबी लाइनें बन गईं। लाखों श्रद्धालुओं ने अखाड़ा मार्ग के दोनों ओर खड़े होकर संतों और संन्यासियों को देखा और उनका आशीर्वाद लिया।

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नागा साधुओं का आकर्षक प्रदर्शन

महाकुंभ के पहले ‘अमृत स्नान’ में नागा साधु प्रमुख आकर्षण बने। वे आध्यात्मिक उत्साह और युद्ध कला के प्रदर्शन से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहे थे। महिला नागा साधुओं ने भी बड़ी संख्या में इस स्नान में भाग लिया।

अखाड़ों के जुलूस में नागा साधु घोड़ों पर सवार थे, और कई साधु पैदल ही विशिष्ट पोशाक में संगम तट की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान लाठी के करतब और अन्य मार्शल कला ने उनके प्रदर्शन को और जोशीला बना दिया। श्रद्धालु उनके इस अद्भुत प्रदर्शन को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।

पुष्प वर्षा और श्रद्धालुओं की खुशी

अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई। घाटों और अखाड़ों को गुलाब की पंखुड़ियों से सजाया गया था। जैसे ही फूलों की पंखुड़ियां श्रद्धालुओं पर गिरीं, उन्होंने “जय श्री राम” और “हर-हर महादेव” के नारे लगाए। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पुष्प वर्षा के लिए विशेष व्यवस्था की थी और लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों का संग्रह किया था।

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महाकुंभ की शुरुआत

महाकुंभ 12 साल बाद आयोजित हो रहा है और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस महाकुंभ के पहले दिन 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई, जबकि दूसरे दिन यह संख्या बढ़कर 3.50 करोड़ हो गई। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देशभर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत सामूहिक अनुभव भी है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • अमृत स्नान: मकर संक्रांति के अवसर पर पहला स्नान
  • श्रद्धालु संख्या: 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया
  • समापन तिथि: महाकुंभ 2025 26 फरवरी को समाप्त होगा
  • पुष्प वर्षा: गुलाब की पंखुड़ियों की 20 क्विंटल का उपयोग
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महाकुंभ 2025 एक अनूठा धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव बनकर उभरा है, जिसमें भक्तों की असीम आस्था और समर्पण को देखा जा रहा है।

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