अग्र भारत संवादाता ,सुल्तान आब्दी
Up news झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बीते दिनों लहचूरा थाना क्षेत्र में भाजपा मंडल उपाध्यक्ष राजेश सोनकिया के परिवार पर जानलेवा हमला हुआ है, जिसमें लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से वार कर कई लोगों को घायल कर दिया गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि हमलावरों ने फायरिंग भी की है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा के एक पदाधिकारी के परिवार पर हुए इस गंभीर हमले के बावजूद, अभी तक मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
टोना-टोटका के उलहाने का खूनी अंजाम
घटना का मूल कारण टोना-टोटका को लेकर दिया गया उलहाना बताया जा रहा है। लहचूरा थाना क्षेत्र में राजेश सोनकिया के परिवार को यह उलहाना देना भारी पड़ गया। बताया जा रहा है कि इस बात पर विवाद इतना बढ़ा कि हमलावरों ने भाजपा नेता के परिवार पर लाठी-डंडों, कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियारों से जमकर हमला कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ित पक्ष का यह भी आरोप है कि हमलावरों ने खुलेआम फायरिंग कर दहशत फैलाई।
सपा नेताओं पर दबंगई का आरोप, पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
राजेश सोनकिया और उनके परिवार ने विपक्षियों पर सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी के नेता होने और उनका वर्चस्व कायम होने का आरोप लगाया है। पीड़ित पक्ष का दावा है कि इसी वर्चस्व के कारण पुलिस भी इन आरोपियों पर हाथ डालने में कतरा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय थाने की पुलिस भी इन दबंगों से मिली हुई है, जिसके कारण अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है। पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपी काफी दबंग प्रवृत्ति के आदमी हैं और लगातार उन्हें धमकियां दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार, एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़ित भाजपा पदाधिकारी राजेश सोनकिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि स्थानीय थानाध्यक्ष द्वारा उनका मुकदमा तक पंजीकृत नहीं किया जा रहा था। मजबूरन उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अवगत कराना पड़ा, जिसके बाद ही विभिन्न धाराओं में उनका मुकदमा पंजीकृत किया जा सका। यह घटना भाजपा सरकार में भाजपा के ही एक पदाधिकारी पर समाजवादी पार्टी के कथित दबंग लोगों द्वारा हमला किया जाना, अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करती है।
पुलिस की भूमिका पर संदेह, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
इस घटना ने पुलिस की भूमिका पर गंभीर संदेह पैदा कर दिया है। एक सत्ताधारी पार्टी के पदाधिकारी के परिवार पर हुए इतने गंभीर हमले के बाद भी अगर आरोपी खुले घूम रहे हैं और पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं, तो यह प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए एक चिंताजनक स्थिति है। पीड़ित परिवार और स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।