गोरखपुर। पंडित भृगुनाथ चतुर्वेदी कालेज आफ लॉ, बड़हलगंज में 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर “लोकतंत्र और भारतीय संविधान” के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाषण, पोस्टर और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कालेज के छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ के साथ हुई, जिसमें छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने शपथ ली।
प्राचार्य डॉ. अभिषेक पाण्डेय का संबोधन
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कालेज के प्राचार्य डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने भारतीय संविधान और लोकतंत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत में संसदीय लोकतंत्र को 1947 में स्वतंत्रता के बाद अपनाया गया। लोकतंत्र का अर्थ जनता के शासन से है, जिसमें जनता अपने प्रतिनिधियों को स्वयं चुनती है।”
उन्होंने भारतीय संविधान के इतिहास पर चर्चा करते हुए कहा कि 1949 में संविधान का निर्माण हुआ था, जिसमें 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियां थीं। भारत के संविधान में ब्रिटिश संविधान, अमेरिकी संविधान, दक्षिण अफ्रीकी संविधान, और फ्रांसीसी संविधान से महत्वपूर्ण तत्व शामिल किए गए थे। वर्तमान में भारतीय संविधान में 106 संशोधन हो चुके हैं और इसमें 448 अनुच्छेद हैं।
डॉ. पाण्डेय ने यह भी बताया कि संविधान में किए गए संशोधनों के बावजूद इसकी मूल भावना को बनाए रखना आवश्यक है, ताकि लोकतांत्रिक मूल्य प्रभावित न हों। “लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए नागरिकों का शिक्षित और जागरूक होना जरूरी है,” उन्होंने कहा।
मुख्य नियंता चंद्र भूषण तिवारी का विचार
कार्यक्रम में मुख्य नियंता चंद्र भूषण तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा, “भारतीय संविधान और कानून समाज में न्याय व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संविधान के प्रति विश्वास रखना और उसका पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।” उन्होंने भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि न्याय सभी नागरिकों को समय पर और सुलभ रूप से प्राप्त हो सके।
असिस्टेंट प्रोफेसर फकरुद्दीन और अन्य वक्ताओं के विचार
असिस्टेंट प्रोफेसर फकरुद्दीन ने भारतीय संविधान को विश्व का सबसे श्रेष्ठ संविधान बताते हुए कहा, “यह संविधान सभी नागरिकों को उनके जीवन और स्वतंत्रता का संरक्षण प्रदान करता है।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने नेताओं के बहकावे में आकर कानून को अपने हाथों में न लें और संविधान और न्यायालयों पर विश्वास रखें।
आशीष कुमार गुप्ता ने भारतीय संविधान की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, “भारतीय संविधान अपने नागरिकों की सुरक्षा और स्वतंत्रता की गारंटी देता है, और इसका पालन करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है।”
छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतियोगिताएं
संविधान दिवस के इस कार्यक्रम में कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।
रंगोली प्रतियोगिता में टीम-D (रोजी फातमा, अंजलि, खुशी, आशीष) ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।
पोस्टर प्रतियोगिता में पूजा यादव ने पहला स्थान प्राप्त किया, और भाषण प्रतियोगिता में श्रेया शुक्ला ने प्रथम पुरस्कार जीता।
कार्यक्रम का संचालन आशीष मिश्रा ने किया, और इस अवसर पर प्रान्जल, शुभम, पीयुष, मनोज, विकास शर्मा, जान्हवी, शुभम तिवारी, अंतिमा, सोनाली, गुड़िया मौर्या, नीलम जैसे छात्रों ने उत्साह से भाग लिया।