झाँसी, उत्तर प्रदेश: पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश के दिन, 5 और 6 सितंबर को, पूरे देश में शराबबंदी लागू करने की मांग की गई है। झाँसी की कुरैश कॉन्फ्रेंस सामाजिक संस्था (रजि.) के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद कलाम कुरैशी ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र भेजकर यह अपील की है।
शराब को हर धर्म में बुरा माना गया है
मोहम्मद कलाम कुरैशी ने कहा कि शराब को हर धर्म और समाज में बुरा माना जाता है। उन्होंने बताया कि इस्लाम में शराब को पूरी तरह से ‘हराम’ (वर्जित) माना गया है, क्योंकि नशे में व्यक्ति अपनी मर्यादा और बड़ों का सम्मान भूल जाता है। कुरैशी के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद साहब ने शराब को “बुराई की माँ” बताया है, और पवित्र कुरान में भी इसे बुरा और हराम बताया गया है।
शराबबंदी से देश में खुशहाली और विकास संभव
मांग पत्र में कहा गया है कि शराब पीने से भारतीय संस्कृति पर बुरा असर पड़ रहा है। कुरैशी ने तर्क दिया कि नशा उत्पन्न करने वाले उत्पादों जैसे शराब, तंबाकू, चरस, अफीम, गांजा और स्मेक का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश में शराबबंदी होने से एक स्वच्छ वातावरण बनेगा और देश खुशहाली व विकास की ओर अग्रसर होगा।
नशे से जुड़ी बीमारियों पर भारी खर्च
कलाम कुरैशी ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें नशे से होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों पर करोड़ों-अरबों रुपये खर्च कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न जागरूक संगठन और सामाजिक चिंतक समय-समय पर इन उत्पादों को बंद करने की मांग करते रहे हैं। कुरैश कॉन्फ्रेंस सामाजिक संस्था ने भी पूरी तरह से शराबबंदी की मांग का समर्थन किया है।

इस दौरान हाजी अशफाक कुरैशी, चौधरी रईस कुरैशी, नबी बक्स, बबलू आजाद, शमशुद्दीन कुरैशी, जाहिद कुरैशी, शरीफ खान, मोहम्मद मुकीम कुरैशी, समीर पहलवान कुरैशी, अफसर कुरैशी, आरिफ कुरैशी, शाहिद अली, रसीद अंसारी, नूर मोहम्मद कुरैशी, सलीम कुरैशी, खालीद कुरैशी, नासिर कुरैशी, बसीम गाज़ी, आबिद रजा कुरैशी, राशिद कुरैशी, अशलम कुरैशी, सलाम, इकराम, अनसर, शनशाह जलानी, मुन्ना, साहिल, जाबिद आदि लोग उपस्थित रहे।
