कालाबाजारी में जब्त सरकारी चावल की सुपुर्दगी में विभागीय अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी का आरोप

Jagannath Prasad
3 Min Read

पड़ोसी राशन डीलरों से संपर्क किए बिना नगर पंचायत के डीलर को सौंपा चावल

एसडीएम को शिकायत देकर जांच और कार्रवाई की मांग की

सात दिन से फरार राशन माफियाओं को पुलिस नहीं तलाश पाई

किरावली। थाना अछनेरा के गांव रायभा में लंबे समय से राशन माफिया द्वारा सरकारी चावल की कालाबाजारी की जा रही थी। एजेंटों के माध्यम से संचालित सिंडिकेट सरकारी चावल की खरीदारी करके ऊंची कीमतों पर प्रांतों में सप्लाई कर रहा था। हाल ही में, डीएसओ संजीव मिश्रा ने इस नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए छापेमारी की और 279 क्विंटल चावल जब्त किया। इस मामले में सरगना मनीष अग्रवाल और सुमित अग्रवाल के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

See also  पुलिस मुठभेड़ में दो गांजा तस्कर 50 किलो गांजा सहित गिरफ्तार

बताया जा रहा है कि जब्त किए गए सरकारी चावल की सुपुर्दगी में स्थानीय आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी का आरोप है। गांव मंगूरा निवासी सतेंद्र पुत्र उदयभान सिंह ने एसडीएम किरावली को शिकायत देकर पूरे मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है। सतेंद्र का कहना है कि नियमानुसार, जिस गांव में सरकारी राशन का जखीरा पकड़ा जाता है, उसकी सुपुर्दगी उसी गांव के राशन डीलर को दी जानी चाहिए। अगर वह असमर्थ हो, तो ग्राम पंचायत और फिर ब्लॉक के राशन डीलरों को सूचित किया जाना चाहिए। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कथित रूप से नगर पंचायत किरावली के राशन डीलर को सुपुर्दगी दी, जो पहले भी सरकारी राशन की जिम्मेदारी में विफल रहे हैं। सतेंद्र ने इस प्रकरण की गहन जांच की मांग की है।

See also  दिव्यांगों को मिले रिक्शा और ट्राईसाइकिल- विधायक चौधरी बाबूलाल ने किया वितरण

पुरानी सपुर्दगी का मांगा जवाब

सतेंद्र ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत किरावली तहसील के आपूर्ति विभाग से 1990 से 2004 तक जब्त सरकारी राशन की सुपुर्दगी की प्रमाणित प्रति और यह भी पूछा है कि जिन विक्रेताओं ने जब्त राशन को पुरानी या नई चौहद्दी में रखा है, उसकी प्रमाणित प्रति भी प्रदान की जाए।

राशन माफिया के नेटवर्क की होनी लगी चर्चा

राशन माफिया के नेटवर्क के बारे में चर्चा बढ़ रही है। मनीष अग्रवाल और सुमित अग्रवाल अधिकारियों के संपर्क के बल पर अपने गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे। छापेमारी के बाद से ये दोनों फरार हैं, और क्षेत्रीय पुलिस उन्हें नहीं तलाश पाई है। जिला मुख्यालय पर तैनात एक महिला अधिकारी के अफसर पति से सुमित अग्रवाल के संबंध होने के कारण मोटा खेल चल रहा था, जिसकी गूंज अब क्षेत्र में सुनाई देने लगी है। स्थानीय आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर भी शक की सुई घूम रही है।

See also  महाकवि सुब्रह्मण्य भारती ने अपनी रचनाओं से स्वाधीनता आन्दोलन को दी गति : प्रो.श्रीधर
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *