आगरा: शहर के व्यस्ततम इलाकों में से एक शाह मार्केट में नगर निगम की पार्किंग सुविधा होने के बावजूद आए दिन भीषण जाम की स्थिति बनी रहती है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस जाम के लिए अक्सर पार्किंग ठेकेदार और उनके कर्मचारी ही जिम्मेदार नजर आते हैं, जो अपनी ड्यूटी निभाने के बजाय मूकदर्शक बने रहते हैं।
पार्किंग होने के बावजूद सड़क पर वाहनों का जमावड़ा
शाह मार्केट में नगर निगम द्वारा संचालित पार्किंग होने के बावजूद, अक्सर देखा जाता है कि वाहन सड़क पर ही बेतरतीब तरीके से खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। वाहनों की कतारें इतनी लंबी हो जाती हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
ठेकेदार के कर्मचारी की लापरवाही आई सामने
एक वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पार्किंग ठेकेदार का एक बुजुर्ग कर्मचारी जाम को सामने खड़े होकर देख रहा है, लेकिन उसे खुलवाने या यातायात सुचारु करने की कोई कोशिश नहीं कर रहा। उसकी इस लापरवाही से सवाल उठते हैं कि क्या पार्किंग ठेकेदार को सिर्फ शुल्क वसूलने से मतलब है और उसे यातायात प्रबंधन से कोई सरोकार नहीं?
जिम्मेदारी किसकी? नगर निगम या ठेकेदार?
सवाल यह उठता है कि जब नगर निगम ने पार्किंग का ठेका दिया है, तो क्या ठेकेदार की यह जिम्मेदारी नहीं है कि वह वाहनों को व्यवस्थित तरीके से पार्क कराए और जाम की स्थिति न बनने दे? या फिर नगर निगम स्वयं इस अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार है जो ठेकेदार के कार्यों की निगरानी नहीं कर रहा है।
शाह मार्केट आगरा का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है जहां रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर कपड़ों और अन्य सामानों की खरीददारी के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ऐसे में जाम की समस्या व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए परेशानी का सबब बनती है। संबंधित अधिकारियों और नगर निगम को इस ओर तुरंत ध्यान देने और पार्किंग व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है ताकि शहर को जाम से मुक्ति मिल सके।