सरकार की सख्ती के बाद भी पराली जलाने पर यूपी के 18 जिले विफल

Dharmender Singh Malik
2 Min Read

लखनऊ। वातावरण को प्रदूषणमुक्त करने की यूपी सरकार की कोशिशों उस समय झटका लगा जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद राज्य के करीब 18 जिले पराली जलाने पर रोक लगाने में विफल रहे हैं। यह बात मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की समीक्षा बैठक में सामने आई।

मिश्रा ने 18 जिलों- गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, मथुरा, संभल, मेरठ बुलंदशहर, बरेली, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर, फतेहपुर, बाराबंकी, कानपुर, हरदोई और रामपुर को पराली जलाने में विफल रहने के लिए चिन्हित किया।

ये जिले जहां राज्य सरकार के रडार पर आ गए हैं, वहीं मुख्य सचिव ने सभी जिला अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से इस समस्या की जांच के लिए कदम उठाने को कहा है। इसमें दैनिक निगरानी और मानदंडों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना शामिल है। साल दर साल पराली (एनजीटी) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त निदेशरें के बावजूद स्थिति सामने आई है।

See also  आगरा: इधर पुलिस सो रही उधर खुलेआम बिक रही स्मैक, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 2019 से इस मुद्दे पर चार आदेश जारी किए हैं, हाल ही में एक आदेश इस साल 10 अक्टूबर को जारी किया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के मुताबिक, राज्य में 6 अक्टूबर तक फसल जलने के 80 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल 52 दर्ज किए गए थे।2020 में पराली जलाने की 101 घटनाएं दर्ज की गईं। एक अनुमान के अनुसार, उत्तर प्रदेश कृषि अवशेष (40 मीट्रिक टन) का उच्चतम उत्पादक है, इसके बाद महाराष्ट्र (31 मीट्रिक टन) और पंजाब (28 मीट्रिक टन) का नंबर आता है।

पिछले साल, राज्य के कृषि विभाग ने कृषि अवशेषों के निपटान के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में आवारा मवेशियों को पराली खिलाने का प्रस्ताव रखा था। योगी सरकार ने आवारा पशुओं के लिए बने आश्रय गृहों तक पराली पहुंचाने का भी प्रस्ताव दिया था।

See also  नई बहु को ससुर ने मालिश के बहाने बुलाकर किया दुष्कर्म, सास और पति ने दिया ससुर का साथ, पढ़िए कैसे बहु ने उठाया ससुराल वालों की ये हैवानियत से पर्दा
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement