आगरा:लोहड़ी का पर्व इस साल दयालबाग में एक अनोखे और भव्य तरीके से मनाया गया। कल प्रातः काल खेतों के कृषि कार्य के साथ-साथ दयालबाग में लोहड़ी उत्सव की शुरुआत हुई। सभी सतसंगी भाई, बहन और बच्चे नियत समय से खेतों पर पहुंचे, जहाँ संत परह्यूमन के बच्चों ने लोहड़ी के रंग में रंगे हुए परिधान पहनकर त्यौहार को और भी खास बना दिया। इस मौके पर सभी श्रद्धालु अपने परम पूज्य हुजूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब और परम आदरणीय रानी साहिबा जी के साथ लोहड़ी के उत्सव में शामिल होने के लिए बेसब्र थे।
लोहड़ी के रंग में रंगा दयालबाग
प्रमुख कार्यक्रम दयालबाग के खेतों में आयोजित हुआ, जहाँ दिनभर कृषि कार्यों के बीच लोहड़ी की धूम मची रही। संत परह्यूमन के बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिन्हें देखकर उपस्थित लोगों ने जमकर तालियाँ बजाईं। इस अवसर पर परम पूज्य हुजूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब और परम आदरणीय रानी साहिबा जी ने लोहड़ी के पर्व को धूमधाम से मनाने का मार्गदर्शन दिया।
निज आवास पर लोहड़ी उत्सव
इसके बाद, कार्यक्रम का सिलसिला दयालबाग के निज आवास (3/23 कोठी प्रेम नगर) पर भी जारी रहा, जहाँ संत परह्यूमन के बच्चों द्वारा एक शानदार कल्चरल प्रोग्राम प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में संतों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही, और इस कल्चरल प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे।
देश-विदेश से ऑनलाइन और ऑफलाइन सहभागिता
लोहड़ी सेलिब्रेशन में देश-विदेश के लाखों सतसंगियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर भाग लिया। इस कार्यक्रम ने दुनियाभर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और लोगों के बीच अपार उल्लास का वातावरण बना।
NCC कैडेट्स की प्रस्तुति
दयालबाग शिक्षण संस्थान के सैकड़ों छात्रों और NCC कैडेट्स ने भी इस लोहड़ी उत्सव में भाग लिया।
NCC कैडेट्स की प्रस्तुति को सभी उपस्थित लोगों ने बड़ी सराहना दी, और यह आयोजन और भी रंगीन हो गया।
हुजूर का संदेश
मुख्य आकर्षण तब रहा, जब परम पूज्य हुजूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब ने “लोहड़ी आई” कार्यक्रम को अपनी कृपा से “रंगलाई लोहड़ी” के नाम से संबोधित किया। यह शब्द लोहड़ी के इस सेलिब्रेशन में चार चाँद लगा गए, और आयोजन को एक नई दिशा दी।
समापन और उत्साह
लोहड़ी सेलिब्रेशन का यह दो दिवसीय कार्यक्रम आज शाम शानदार तरीके से समापित हुआ, और सबका दिल इस पर्व के रंगों से सराबोर हो गया। लोहड़ी के इस उत्सव ने दयालबाग में एक नई ऊर्जा का संचार किया और सभी को भक्ति, प्रेम, और सांस्कृतिक सौहार्द का संदेश दिया।