नगर निगम सीमा विस्तार का विरोध; धनौली और आसपास के गांव चाहते हैं नगर पालिका परिषद

Dharmender Singh Malik
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नगर निगम सीमा विस्तार का विरोध; धनौली और आसपास के गांव चाहते हैं नगर पालिका परिषद

आगरा: शहर के विकास के लिए नगर निगम की सीमा विस्तार के तहत कुछ सीमांत गांवों को नगर निगम क्षेत्र में समाहित किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें धनौली (धनौली सीटी) भी शामिल है। हालांकि, गांव के निवासी इस कदम के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि इसे नगर निगम की सीमा में शामिल करने के बजाय नगर पालिका परिषद बनाया जाए। उनका मानना है कि नगर निगम के संसाधनों पर पहले से ही दबाव है और इस क्षेत्र के नागरिकों को इससे कोई खास लाभ नहीं मिलेगा।

ग्रामीणों ने बुलायी बैठक, की सामूहिक विमर्श

इन गांवों के प्रधानों ने, जिनमें बल्हेरा, अभयपुरा और मलपुरा के प्रधान भी शामिल थे, एक सामूहिक बैठक बुलाकर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने का निर्णय लिया। 27 मार्च को वरिष्ठ नेता तुलाराम शर्मा के निवास पर आयोजित बैठक में धनौली, बल्हेरा, अभयपुरा आदि गांवों के भविष्य पर गहन चर्चा हुई।

बैठक में वक्ताओं ने बताया कि एयर फोर्स स्टेशन खेरिया के विस्तार के साथ-साथ कमाल खां से मलपुरा तक के गांवों में खेती आधारित जीवन शैली प्रभावित हो चुकी है। विशेष रूप से धनौली गांव में अधिकांश परिवार अब खेती छोड़ चुके हैं, क्योंकि खेती की जमीन का अधिग्रहण होता रहा है और अब खेतों की संख्या काफी कम हो गई है। आने वाले समय में अभयपुरा और बल्हेरा गांवों की भी यही स्थिति होने की संभावना है।

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सिविल एयरपोर्ट शिफ्टिंग प्रोजेक्ट और उसके प्रभाव

सिविल एयरपोर्ट शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत बड़े पैमाने पर जमीनों का अधिग्रहण किया गया है। जिन लोगों की जमीन सरकार ने ली है, उन्हें मुआवजा तो मिल चुका है, लेकिन खेती बंद हो जाने के कारण वे अब जीवन यापन के साधन जुटाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। अब तक किसी वैकल्पिक रोजगार योजना का प्रस्ताव नहीं आया है, जिससे स्थानीय लोग आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।

नगर निगम और नगर पालिका परिषद का फर्क

बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने यह चिंता जताई कि अगर इन गांवों को नगर निगम के तहत शामिल किया जाता है तो ये नगर निगम के एक या दो वार्ड में तब्दील हो जाएंगे, जिससे नागरिकों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं। पेयजल, सीवर, जैसी आधारभूत सेवाओं की कमी रहेगी, जबकि इन पर करों का बोझ भी बढ़ जाएगा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि इन गांवों को नगर पालिका परिषद के रूप में बनाया जाए, क्योंकि इससे नागरिकों को अधिक प्रभावी रूप से स्थानीय निर्णयों में भाग लेने का मौका मिलेगा और करों का बोझ भी कम होगा।

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जलभराव और अन्य स्थानीय समस्याएं

धनौली सीटी जनपद की सबसे बड़ी ग्राम सभा है, लेकिन यहां जलभराव की समस्या बहुत गंभीर है। मानसून के दौरान खेरिया मोड़ से पानी का बहाव आकर इलाके को जलमग्न कर देता है। जल निगम द्वारा एक नाला तो बनवाया गया था, लेकिन उचित निस्तारण की व्यवस्था न होने के कारण यह समस्या बनी हुई है।

दूरगामी विचार और संभावनाएं

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि क्षेत्र के आसपास एयरफोर्स स्टेशन खेरिया, सिविल एन्क्लेव, बम डंप और अन्य रक्षा प्रतिष्ठान होने के कारण यह क्षेत्र एयर फोर्स कैंट के रूप में प्रस्तावित किया जा सकता है। इस पर विचार करते हुए यह तय किया गया कि अगर वर्तमान स्थिति बनी रहती है तो इन गांवों को नगर पालिका परिषद के रूप में स्थानीय निकाय बनाया जाए।

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सामूहिक बैठक और उपस्थित व्यक्ति

बैठक में कई प्रमुख लोग उपस्थित थे, जिनमें वरिष्ठ नेता तुलाराम शर्मा, बृजेन्द्र सिंह, हरि शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, राम गोपाल शर्मा, तारा चंद, सुखराम, नीरज कुमार शर्मा, महेश चंद शर्मा, लोकेश कुमार, तेज सिंह बघेल और सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के अध्यक्ष डॉ. शिरोमणि सिंह, सचिव अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना, और असलम सलीमी शामिल थे।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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