घिरोर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर घिरोर क्षेत्र में पावर ग्रिड द्वारा 765 केवी के नए बिजली घर के निर्माण को मंजूरी दी गई है. यह बिजली घर गांव मोहब्बतपुर नाहिली के निकट बनाया जाना है. हालांकि, इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है. मुआवजे की राशि को लेकर सहमति न बन पाने के कारण किसान एसडीएम से मिले और बाद में जिलाधिकारी से मिलने की बात कहकर चले गए.
किसानों की एसडीएम से मुलाकात
सोमवार को लगभग दो दर्जन किसान तहसील पहुंचे और एसडीएम प्रसून कश्यप के समक्ष अपनी बात रखी. किसानों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे वर्तमान सर्किल रेट के आधार पर अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं. एसडीएम ने उन्हें मौजूदा सर्किल रेट के अनुसार ही मुआवजा मिलने की बात कहकर समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान नए सर्किल रेटों के अनुसार ही मुआवजा देने की मांग पर अड़े रहे.
मुआवजे को लेकर विवाद का कारण
किसानों का कहना है कि 23/12/2024 को एक कैंप लगाकर एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें नाहिली गांव के सभी किसानों को लगभग 12 लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा देने की बात कही गई थी. अधिकारियों ने किसानों को यह भी आश्वासन दिया था कि मुआवजा राशि बढ़ सकती है, लेकिन कम नहीं होगी. इस बात पर सभी किसान सहमत भी थे.
लेकिन, पावर ग्रिड के कर्मचारियों द्वारा 18 जनवरी को आयोजित एक दूसरी बैठक में, किसानों को बताया गया कि मुआवजा सर्किल रेट वर्ष 2013 के हिसाब से दिया जाएगा. इस प्रस्ताव पर कोई भी किसान सहमत नहीं है. इसी मुआवजे के विवाद को लेकर किसान एसडीएम से मिले और फिर जिलाधिकारी से मिलने की बात कहकर चले गए. किसानों का स्पष्ट कहना है कि वे उचित मुआवजा मिलने पर ही अपनी जमीन देंगे.
बैठक में उपस्थित किसान
इस अवसर पर महावीर, अखिलेश कुमार, संजय, गंगा सिंह, रक्षपाल सिंह, राकेश, रामपाल, मनोज, आनंद आदि किसान मौजूद थे.