- हॉस्पीटल स्टाफ ने फौजी से की अभद्रता
- फौजी की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने मामला कराया रफा दफा
- फौजी के वायरल ऑडियो से हुआ भंडाफोड़
आगरा। स्वास्थ्य महकमे को संवेदनशील और आम जनता के हित में सदैव सक्रिय माना जाता है। कोरोना काल में स्वास्थ्य महकमे की इसी सक्रियता की बदौलत ही महामारी पर काबू हो पाया था। स्वास्थ्य विभाग के बारे में बनी इस सकारात्मक धारणा को महकमे के ही कुछ जिम्मेदार पलीता लगाने पर तुले हैं।
आपको बता दें कि सोमवार को सोशल मीडिया पर अछनेरा सीएचसी से सम्बंधित एक ऑडियो और कुछ छायाचित्र वायरल हुए थे। वायरल ऑडियो एक फौजी का बताया जा रहा है। जो फौजी सरहद पर तैनात रहकर देश की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहता है, उसी फौजी को सिस्टम के कुछ जिम्मेदारों के हाथों अभद्रता का शिकार होना पड़ा, उन जिम्मेदारों का साथ खाकी ने भी निभाया। फौजी की सुनवायी करने की जगह उसे चलता करवा दिया।
वायरल ऑडियो से प्राप्त हुए घटनाक्रम के अनुसार फौजी हॉस्पीटल में अपने इलाज हेतु पहुंचा था। पर्चा बनवाने के उपरांत वह जब 2 नम्बर कक्ष पर जांच हेतु पहुंचा तो मौके पर किसी स्टाफ की बर्थडे पार्टी चल रही थी। फौजी द्वारा मौके पर आवाज़ें लगायी गयीं, लेकिन उन आवाजों को अनसुना कर दिया गया। फौजी ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर 112 पीआरवी पर सूचना प्रेषित कर दी गयी। इसी दौरान हॉस्पीटल स्टाफ को इसकी भनक लग गयी। स्टाफ ने फौजी से धक्का मुक्की करते हुए अभद्रता कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फौजी का पक्ष जानने की जगह जबरन उसके मोबाइल से वीडियो डिलीट करवा दिया गया। इसके बाद फौजी पर दवाब बनाकर हॉस्पीटल से रवाना कर दिया गया।
सीसीटीवी फुटेज से खुल सकता है राज
इस मामले में जानकारों के अनुसार हॉस्पीटल में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उन कैमरों में पूरा घटनाक्रम कैद हो सकता है। गहराई से पूरे मामले की पड़ताल होने से जिम्मेदारों की गर्दनें फंस सकती हैं।
बोलने से कतराने लगा फौजी
इस मामले में जब फौजी से वार्ता करने की कोशिश की गयी तो उसने प्रशासन के गैरजिम्मेदाराना रवैये को इसका जिम्मेदार ठहराया। दबीजुबान में उसने आगे कुछ भी बताने में असमर्थता जाहिर कर दी।