एटा। निलंबन आदेश आते ही पंचायत विभाग के गलियारों में हलचल मच गई। आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक पंचायती राज अधिकारी को इतनी बड़ी सजा झेलनी पड़ी? जनपद बुलन्दशहर में तैनाती के दौरान गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोपों में जिला पंचायत राज अधिकारी एटा प्रीतम सिंह को शासन ने निलंबित कर दिया है। शासन ने उन्हें उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, विकास खण्ड लखावटी में बीडीओ रहते हुए प्रीतम सिंह पर अन्त्येष्टि स्थल आवंटन/निर्माण तथा क्षेत्र पंचायत निधि से कराए गए कार्यों में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे थे। लेखा परीक्षा वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट में ₹42,11,917 का अधिभार पाया गया। इसके अलावा ऑडिट आपत्तियों का समय से निस्तारण न करना, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करना, विधान मंडल से जुड़े प्रकरणों में उदासीनता दिखाना और पदीय दायित्वों में लापरवाही जैसे मामलों में भी वह प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए।
शासन ने मेरठ मंडल के आयुक्त को जांच अधिकारी नामित करते हुए एक माह के भीतर जांच पूरी कर आख्या भेजने के निर्देश दिए हैं। निलंबन अवधि में प्रीतम सिंह पंचायती राज निदेशालय से सम्बद्ध रहेंगे और उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता ही प्राप्त होगा।
इस कार्रवाई को शासन की ओर से अनुशासनहीनता और वित्तीय अनियमितताओं पर कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि विभागीय जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।