दिव्यांग छात्र को स्कूल में प्रवेश देने से इनकार: आगरा के सेंट थॉमस स्कूल पर गंभीर आरोप

Jagannath Prasad
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दिव्यांग छात्र को स्कूल में प्रवेश देने से इनकार: आगरा के सेंट थॉमस स्कूल पर गंभीर आरोप

आगरा: आगरा के सेंट थॉमस स्कूल (St. Thomas School Agra) एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला एक 70% विकलांग छात्र के भविष्य से जुड़ा है, जिसे स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा आगामी कक्षा में निशुल्क प्रवेश (Free Admission) देने से इनकार किया जा रहा है। यह आरोप प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स अवेयरनेस (टीम पापा) के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह सरीन ने लगाए हैं।

दिव्यांग अधिकार अधिनियम का उल्लंघन

दीपक सिंह सरीन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 (Divyang Adhikar Adhiniyam 2016) के अंतर्गत, विकलांग बच्चों को निशुल्क शिक्षा का अधिकार है। अधिनियम के अनुसार, ऐसे बच्चों का दाखिला उनकी पसंद के स्कूल में होना चाहिए और उन्हें मुफ्त शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। इसके बावजूद, सेंट थॉमस स्कूल, सुनारी गांव, आगरा (St. Thomas School Sunari Village Agra) के प्रधानाचार्य अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं।

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4 माह से जारी है संघर्ष, नहीं निकला समाधान

यह मामला पिछले चार महीनों से चल रहा है। स्कूल खुले हुए काफी समय हो चुका है और बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है, लेकिन यह दिव्यांग छात्र दाखिले के लिए भटक रहा है। इस दौरान, प्रार्थी ने समाधान के लिए कई सरकारी विभागों और अधिकारियों से गुहार लगाई है, जिनमें जिलाधिकारी आगरा, बेसिक शिक्षा अधिकारी, और उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं।
शिकायतें जनसुनवाई पोर्टल पर भी दर्ज की गई हैं, लेकिन आज तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

क्या होगा अब? प्रशासन को अंतिम चेतावनी

इस मामले में अब एक बड़ा मोड़ आ गया है। दीपक सिंह सरीन ने प्रशासन को एक अल्टीमेटम दिया है।

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2 अगस्त को कार्रवाई: कल, 2 अगस्त को सुबह 10:30 बजे, दीपक सिंह सरीन जिलाधिकारी कार्यालय जाकर एक प्रार्थना पत्र सौंपेंगे, जिसमें सेंट थॉमस स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करने और बच्चे का दाखिला सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी।

धरना प्रदर्शन की चेतावनी: यदि 5 अगस्त 2025 तक बच्चे का दाखिला नहीं होता है और प्रधानाचार्य पर मुकदमा दर्ज नहीं होता है, तो विकलांग बच्चा, उसके माता-पिता और अभिभावक जिला कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ जाएंगे। इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन आगरा और शिक्षा विभाग की होगी।

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