पेयजल समीक्षा में डीएम का सख्त रवैया, खंड विकास अधिकारियों की लगाई क्लास

Arjun Singh
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पेयजल समीक्षा में डीएम का सख्त रवैया, खंड विकास अधिकारियों की लगाई क्लास

प्रतापगढ़, विशाल त्रिपाठी : जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने आज विकास भवन सभागार में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक में अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। डीएम ने पिछली बैठक में पेयजल संबंधी दिए गए निर्देशों और उनके पालन की स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की, जब खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।

बैठक में इंडिया मार्का हैंडपंपों की मरम्मत और रिबोरिंग कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया, जिससे गर्मी के मौसम में आम लोगों की पानी की समस्या कुछ हद तक दूर हुई है। डीएम ने निर्देश दिया कि शेष मरम्मत और रिबोरिंग योग्य हैंडपंपों को भी जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हैंडपंपों की मरम्मत और रिबोरिंग से संबंधित आम जनता की शिकायतों की तत्काल जांच कर उनका निवारण किया जाए। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि हैंडपंपों के रिबोर और मरम्मत कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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जिले में किए गए सर्वेक्षण के दौरान पाए गए 6708 कुओं में से 89 कुओं पर साफ-सफाई और जीर्णोद्धार कार्य जारी हैं। डीएम ने निर्देश दिया कि प्रत्येक राजस्व ग्राम में स्थित धार्मिक और पौराणिक महत्व के कम से कम एक कुएं को चिन्हित कर उसका जीर्णोद्धार कराया जाए, ताकि उसका उपयोग शादी-विवाह जैसे आयोजनों के लिए किया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ग्राम पंचायतों में अनुपयोगी कुओं को वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) के लिए चिन्हित करने और जिला विकास अधिकारी के माध्यम से सावधानीपूर्वक एस्टीमेट बनाकर इन कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि कुओं में दूषित पानी न जाने पाए। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि जिन तालाबों में अभी तक पानी नहीं भरा गया है, उनमें तत्काल पानी भराना सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा शिकायत मिलने पर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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जिलाधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने ब्लॉक परिसर में पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए एक वाटर कूलर अनिवार्य रूप से लगवाने के निर्देश दिए। जल निगम की पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी बीडीओ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ग्राम सभाओं में लोगों के घरों तक पानी पहुंच रहा है, टोंटी लगी है या नहीं, और पाइप लीकेज आदि से संबंधित रिपोर्ट 15 दिन के भीतर निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि खारे पानी वाले क्षेत्रों के नजदीक स्थित उन ग्राम पंचायतों से पानी की आपूर्ति के लिए योजना बनाई जाए जहां खारा पानी नहीं है। पेयजल योजनाओं में भूमि विवादों को प्राथमिकता देते हुए, डीएम ने संबंधित उपजिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर इन विवादों का जल्द से जल्द निस्तारण कराने के निर्देश दिए, ताकि परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकें।

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बैठक के अंतिम चरण में, जिलाधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों से उनके द्वारा दिनभर किए गए कार्यों की जानकारी मांगी, जिस पर कोई भी बीडीओ संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। इस पर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि सभी खंड विकास अधिकारियों के कार्यों का एक रोस्टर बनाया जाए, जिसके अनुसार सभी बीडीओ कार्य करें और प्रतिदिन उसकी सूचना उपलब्ध कराएं।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दिव्या मिश्रा, जिला विकास अधिकारी के.एन. पाण्डेय सहित सभी खंड विकास अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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