बिजनौर: जिलाधिकारी (DM) ने निजी स्कूलों की मनमानी पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बड़ा एक्शन लिया है। डीएम ने जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि अब वे 5 साल से पहले छात्रों की यूनिफॉर्म (वर्दी) नहीं बदल सकेंगे। इसके साथ ही, स्कूलों के अंदर दुकानें खोलकर बेची जा रही किताबों पर भी जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी है। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने अभिभावकों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
जिलाधिकारी की ओर से सभी निजी विद्यालयों के लिए जारी किए गए विस्तृत निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी स्कूल अब अगले पांच शैक्षणिक सत्रों तक बच्चों की यूनिफॉर्म में बदलाव नहीं कर सकेगा। इसके अतिरिक्त, स्कूलों में छात्रों को बेची जाने वाली किताबें अब बाजार से ही खरीदी जाएंगी। जिलाधिकारी ने स्कूलों को सख्त हिदायत दी है कि वे किसी विशेष दुकान से ही किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बना सकेंगे।
जिलाधिकारी जसजीत कौर द्वारा जारी किए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों में स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर स्कूल कोड, बोर्ड से मान्यता संबंधी विवरण, विद्यालय में उपलब्ध विषय और कक्षावार फीस का विस्तृत विवरण अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा। इसके अलावा, यदि कोई छात्र किसी कारणवश स्कूल छोड़ना चाहता है, तो उसे अपनी पूरी फीस वापस पाने का अधिकार होगा। जिलाधिकारी का यह फैसला अभिभावकों को निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली और अनावश्यक खर्चों से राहत दिलाने के उद्देश्य से लिया गया है। इस कार्रवाई से निजी स्कूलों पर लगाम लगने और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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