मिढ़ाकुर में शमशान भूमि पर दबंग भूमाफियाओं का कब्जा

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मिढ़ाकुर में शमशान भूमि पर हो रहा अवैध कब्जा
  • लगातार शिकायतों के बावजूद सदर तहसील प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई
  • विगत में बवाल के बाद भी नहीं चेता तहसील प्रशासन

मनीष अग्रवाल

आगरा (किरावली)। अपनों को खोने के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन की जरूरत पड़ती है। शमशान भूमि पर मृतकों के परिजन अपने दिवंगत की आत्मशांति की प्रार्थना करते हैं। इधर आगरा जनपद के ब्लॉक बिचपुरी स्थित गांव मिढ़ाकुर में ठीक इसके उलट हो रहा है।

आपको बता दें कि गांव के स्टेशन रोड स्थित गाटा संख्या 1072 के राजस्व अभिलेखों में शमशान भूमि दर्ज है। लगभग एक दशक पहले तक यहां पर मृतकों का अंतिम संस्कार होता था। बताया जाता है कि कुछ समय पहले दबंग भूमाफियाओं द्वारा गुपचुप तरीके से शमशान भूमि का बैनामा करके उसे अपने कब्जे में अवैध तरीके से कर लिया।

विगत आठ महीने पहले गांव की एक महिला का निधन होने के उपरांत परिजन सहित ग्रामवासी अंतिम संस्कार के लिए शमशान स्थल पर पहुंचे तो मौक़े पर हालात देखकर दंग रह गए। अवैध आरा मशीन से लेकर पक्का निर्माण भूमाफियाओं द्वारा कर लिया गया था। ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया, आगरा जयपुर हाइवे पर जाम लगा दिया गया।

पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा शमशान भूमि से अवैध कब्जा हटाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया गया। ग्रामीणों के अनुसार पुलिस प्रशासन का वादा अधूरा ही साबित हुआ, आज तक शमशान भूमि पर भूमाफियाओं का कब्जा बरकरार है।

जांच टीम गठित होने के बावजूद कार्रवाई शून्य

इस मामले में विगत 26 मई 2022 को तहसीलदार सदर द्वारा नायब तहसीलदार रवीश कुमार सहित संजीव कुमार राजस्व निरीक्षण व लेखपालगण जय किशोर निगम, प्रवेंद्र सिंह, रघुराज की टीम गठित की थी। टीम को अगले दिन 27मई को मौक़े पर पहुंचकर शमशान भूमि की पैमाइश कर अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए थे। सदर तहसील प्रशासन ने इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें अंतिम संस्कार करने के लिए दर दर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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