मथुरा में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कई विभागों को एक साथ लाकर एक अभियान शुरू किया है। किसानों को पराली जलाने के नुकसान और वैकल्पिक तरीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
मथुरा: मथुरा में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक बैठक में कहा कि पराली को जलाना पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे मिलकर किसानों को पराली जलाने के विकल्पों के बारे में जागरूक करें।
पराली नहीं, बल्कि खजाना है
जिलाधिकारी ने कहा कि पराली को कचरा नहीं, बल्कि एक खजाना समझना चाहिए। इसे खाद बनाने, पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल करने और बिजली बनाने में प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली जलाने के बदले इन विकल्पों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
किसानों को मिलेंगे सब्सिडी
किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आवश्यक उपकरणों पर सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
सख्त कार्रवाई होगी
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि जो किसान पराली जलाते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।