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एकाग्रता, अनुशासन और आत्मविकास की पाठशाला बना डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल – ‘मंथन’ रहा ऐतिहासिक

Dharmender Singh Malik
6 Min Read

आगरा । डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल, सिकंदरा में मंगलवार को एक अद्भुत और प्रेरणास्पद सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय था “मंथन – द आर्ट ऑफ कांशंट्रेशन इन द एज ऑफ डिस्ट्रैक्शन”। यह सेमिनार युवा पीढ़ी को ध्यान, आत्मविकास और सफलता के सूत्रों से परिचित कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे अमोघ लीला प्रभु – जो न केवल आध्यात्मिक गुरु और इस्कॉन से जुड़े हैं, बल्कि आईआईएम अहमदाबाद में भी अध्यापन कर चुके हैं।

डॉ. एमपीएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल और इस्कॉन आगरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ ‘हरे कृष्ण’ महामंत्र की मधुर ध्वनि और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। दीप प्रज्वलन की रस्म डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के चेयरमैन स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, एयरफोर्स फेमलीस वेलफेयर एसोसिएशन (अफवा) की अध्यक्षा श्वेता गुप्ता, विद्यालय की प्रधानाचार्या राखी जैन और इस्कॉन आगरा के अध्यक्ष अरविंद प्रभु ने मिलकर संपन्न की।

कला और संस्कृति का मनमोहक संगम

कार्यक्रम में विद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित एक अत्यंत प्रभावशाली नृत्य नाटिका प्रस्तुत की, जिसने सभी उपस्थित दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में पधारे हुए विशिष्ट अतिथियों का हार्दिक स्वागत डॉ. एमपीएस ग्रुप के डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ. विक्रांत शास्त्री और डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन डॉ. ऐके गोयल द्वारा किया गया।

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अमोघ लीला प्रभु का प्रेरक और सारगर्भित संबोधन

सेमिनार को संबोधित करते हुए अमोघ लीला प्रभु ने वर्तमान युवा पीढ़ी की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि आज का युवा ‘सेल्फ मैनेजमेंट’ की बजाय ‘सेल्फी मैनेजमेंट’ में अधिक व्यस्त है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि वे देश, समाज या दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो सबसे पहले उन्हें स्वयं में सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। उन्होंने सफलता के छह महत्वपूर्ण सूत्रों पर जोर दिया: स्वयं पर नियंत्रण, निरंतर प्रयास, सकारात्मक संगति, रिश्तों का संतुलन, भावनाओं की गहरी समझ और समय का अटूट अनुशासन। उन्होंने यह भी सलाह दी कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वभाव और रुचियों के अनुसार ही अपना करियर चुनना चाहिए और महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय भावनाओं में बहने की बजाय विवेक और बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात कही, “जैसा भाव होगा, वैसी दृष्टि बनेगी और वही दृष्टिकोण जीवन को सही दिशा देगा।”

आध्यात्मिकता से अनुशासन और रचनात्मकता का विकास

अमोघ लीला प्रभु ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में उठकर आध्यात्मिक चिंतन के साथ करें, जिससे उनकी मानसिक स्पष्टता और कार्य करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता केवल जीवन में अनुशासन ही नहीं लाती, बल्कि इसे अधिक रचनात्मक और सार्थक भी बनाती है। अपनी सहज, हँसमुख और युवा-शैली में संवाद करते हुए स्वामी अमोघ लीला प्रभु ने विद्यार्थियों को ध्यान की शक्ति, अनुशासन के महत्व, डिजिटल दुनिया में संतुलन बनाए रखने और आत्मविकास की राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि एकाग्रता कोई जादू नहीं है, बल्कि यह निरंतर अभ्यास से विकसित होने वाली एक शक्तिशाली क्षमता है। जो भी इस सत्य को समझ लेता है, वही अपने निर्धारित लक्ष्यों तक सफलतापूर्वक पहुँच सकता है। स्वामी जी ने भगवद गीता के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अपने व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से विद्यार्थियों को यह महत्वपूर्ण सीख दी कि मोबाइल फोन को नियंत्रित करने से पहले अपने मन को नियंत्रित करना सीखो, अन्यथा मोबाइल ही तुम्हारे जीवन को नियंत्रित करेगा।

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रोचक रहा प्रश्नोत्तर सत्र

सेमिनार का एक प्रमुख आकर्षण प्रश्नोत्तर सत्र रहा, जिसमें अमोघ लीला प्रभु ने युवाओं के विभिन्न प्रश्नों के अत्यंत सहज, व्यावहारिक और प्रेरणादायक शैली में उत्तर दिए। उनके जवाबों से युवाओं को अपने जीवन और करियर के प्रति एक नई और सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त हुआ।

आध्यात्मिक चेतना से नैतिक मूल्यों का विकास

कार्यक्रम के समापन पर डॉ. एमपीएस ग्रुप के चेयरपर्सन स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि एकाग्रता, अटूट अनुशासन और मन की स्थिरता ही किसी भी महान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने की आधारशिला रखते हैं। उन्होंने जोर दिया कि आध्यात्मिक चेतना से ही जीवन में उच्च नैतिक मूल्यों का विकास होता है और यही भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य और नए जीवन के निर्माण की मजबूत नींव बनती है।

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गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस अवसर पर इस्कॉन आगरा के श्री अरविंद दास प्रभु जी, एफमैक के चेयरमैन पूरन डावर, एयरफोर्स फेमलीस वेलफेयर एसोसिएशन (अफवा) की अध्यक्षा श्वेता गुप्ता, समाजसेवी सुभाष ढल, एडीजीसी रिवेन्यू अशोक चौबे, मोहित जैन, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा, पीयूष अग्रवाल और डॉ. एसके अरेला सहित शहर के कई प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

कुशल व्यवस्थापन

कार्यक्रम का प्रभावी संचालन विद्यालय की छात्राओं द्वारा किया गया। आयोजन की सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी डीन एकेडमिक्स एच. गुप्ता, डीन एडमिनिस्ट्रेशन चंद्रशेखर, डीन मीडिया रिलेशंस डॉ. प्रवल प्रताप सिंह और समन्वयक योगी चाहर सहित पूरी आयोजन टीम ने अत्यंत कुशलतापूर्वक निभाई।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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