झाँसी उत्तर प्रदेश
सुल्तान आब्दी
13वीं इंडियन सोशल वर्क कांफ्रेंस में “इको सोशल वर्क एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट: ऑपर्च्यूनिटीज़ एंड चैलेंजेज ” विषय पर डॉ नईम ने किया शोध पत्र वाचन
झाँसी –
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी के समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ मुहम्मद नईम द्वारा सेंचुरियन विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में आयोजित 13वीं इंडियन सोशल वर्क कांग्रेस में “ईको सोशल वर्क एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट: ऑपर्च्यूनिटीज़ एंड चैलेंजेज “ शीर्षक से शोध पत्र का वाचन किया गया। समाज कार्य शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के एकमात्र अखिल भारतीय संस्थान “नेशनल एसोसिएशन आफ़ प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स इन इंडिया“ द्वारा उड़ीसा राज्य के भुवनेश्वर में आयोजित 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से समाज कार्य के लगभग छह सौ शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
समाज कार्य शिक्षक डॉ मुहम्मद नईम ने अपने शोध पत्र में पर्यावरणीय संकटों, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के लक्ष्यों के संदर्भ में समाज कार्य की भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. नईम ने बताया कि आज समाज कार्य को केवल मानव कल्याण तक सीमित न रखते हुए, पर्यावरणीय न्याय और पारिस्थितिक संतुलन को भी अपनी कार्यप्रणाली का अभिन्न अंग बनाना आवश्यक है। उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए “पर्यावरण संरक्षण केंद्रित समाज कार्य हस्तक्षेप” की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे पर्यावरण और मानव विकास में संतुलन स्थापित किया जा सके।
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने भी “इको सोशल वर्क” की अवधारणा को सामाजिक नीति, सामुदायिक सशक्तिकरण, और सतत विकास के लिए अत्यंत प्रासंगिक बताया।
डॉ. नईम द्वारा प्रस्तुत शोध पत्र को प्रतिभागियों द्वारा सराहा गया और सत्र के अध्यक्षीय मंडल के विषय विशेषज्ञों डॉ अर्चना सिंह एवं डॉ अंशुमान जेना द्वारा प्रमाण पत्र के माध्यम से सम्मानित किया गया । वहीं डॉ मुहम्मद नईम को मानसिक स्वास्थ्य विषयक सत्र की सह अध्यक्षता हेतु स्मृति चिह्न एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया ।
