आगरा: आज आगरा में एक निजी कार्यक्रम में उपस्थित अभिनेता सुरेंद्र पाल सिंह ने अपनी जीवित कहानी और भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी आस्था को साझा किया। अभिनेता ने बताया कि वर्तमान पीढ़ी का झुकाव पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ा है, लेकिन वह यह भी मानते हैं कि लोग अब इतिहास और संस्कृति की ओर भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
अभिनेता सुरेंद्र पाल सिंह, जिन्होंने बी आर कॉलेज से 1972, 73, और 74 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की, ने कहा कि उनकी जीवन यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है। वह डी एस पी दशरथ सिंह के पुत्र हैं, जो कि उस वक्त के एक प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारी थे। सुरेंद्र पाल सिंह के मुताबिक, गाजियाबाद से स्नातक करने के बाद वह मुंबई पहुंचे और वहां से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
उन्होंने बताया कि 1980 के दशक की शुरुआत में फिल्म उद्योग में कदम रखा, और अभिनेता कादर खान द्वारा निर्देशित फिल्म “शमा” से अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें अभिनेत्री शबाना आजमी उनके साथ थीं। इसके बाद, उन्होंने “ईट का जवाब पत्थर” जैसी फिल्मों में भी अपनी पहचान बनाई।
सुरेंद्र पाल सिंह ने अपनी टेलीविजन यात्रा की शुरुआत 1988 में प्रतिष्ठित सीरियल महाभारत से की, जिसमें उन्होंने गुरु द्रोणाचार्य का किरदार निभाया था। इस रोल ने उन्हें शोहरत की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इसके बाद, उन्होंने चाणक्य, शक्तिमान, और चंद्र कांत जैसे कई चर्चित सीरियल्स में दमदार किरदार निभाए। आज भी वह देवों का देव महादेव (राजा दक्ष), तेरी मेरी डोरिया, श्रीमद रामायण (गुरु वशिष्ठ) और प्रचंड अशोक जैसे प्रमुख शो में नजर आ रहे हैं।
पिछले 35-38 वर्षों से अभिनय के क्षेत्र में अपनी कड़ी मेहनत और अद्भुत अभिनय से सुरेंद्र पाल सिंह ने हर आयु वर्ग के दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई है। उनका अभिनय केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि लोगों को इतिहास, संस्कृति और धर्म से भी जोड़ता है।
सुरेंद्र पाल सिंह को हाल ही में 2024 में आगरा के प्रतिष्ठित ब्रज अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जहां उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर के साथ इस सम्मान को साझा किया।
अभिनेता सुरेंद्र पाल सिंह की व्यक्तिगत जीवन की बात करें, तो वह तीन बच्चों के पिता हैं, जिनमें दो बेटे और एक बेटी शामिल हैं। उन्होंने अपनी आगामी परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें वह जोधा अकबर फिल्म में ऋतिक रोशन के साथ और रंगून फिल्म में कंगना रनौत, सैफ अली खान और शाहिद कपूर के साथ काम कर चुके हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान, समाजसेवी पूरन डावर और उनके पुराने मित्रों, जैसे कि अनिल वर्मा, बंटी ग्रोवर, चरनजीत थापर और मन्नू महाजन ने उनका स्वागत किया। उन्होंने आगरा को लेकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और बताया कि आगरा की गलियों और पुराने स्थानों ने उन्हें अपने अतीत की याद दिला दी।
आगरा के लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं और उनकी पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं, जब वह संजय प्लेस, हरि पर्वत, रूई की मंडी और आगरा कॉलेज जैसी जगहों को देखते हैं।
सुरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि, “वर्तमान पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति के प्रति आकर्षित हो रही है, लेकिन अब लोग इतिहास और हमारी सांस्कृतिक धरोहर की ओर भी ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जो हमारे गौरवशाली अतीत से जुड़ा हुआ है। यह परिवर्तन सकारात्मक है और हमें इसका स्वागत करना चाहिए।”