मथुरा: बारह वर्ष पूर्व बिना लाइसेंस औषधि बिक्री और औषधि के बिल आदि प्रस्तुत न करने पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी शरद बंसल पुत्र ओमप्रकाश, निवासी हाल अग्रवाल मेडिकल स्टोर, बड़ा बाजार, गोवर्धन, मथुरा को पुलिस की लापरवाही के चलते विशेष न्यायाधीश ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट ज्योत्स्ना सिंह ने बरी कर दिया.
थाना गोवर्धन, जिला मथुरा में दर्ज मामले के अनुसार, 18 सितंबर 2012 को औषधि निरीक्षक मोहित कुमार दीप एवं अन्य ने पुलिस बल के साथ आरोपी की फर्म पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान आरोपी को बिना लाइसेंस औषधि बिक्री और औषधि की खरीद के बिल न दिखाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. पुलिस ने आरोपी की फर्म से विभिन्न औषधियाँ भी जब्त की थीं.
इस मामले में पुलिस की कई लापरवाहियाँ सामने आईं, जिनके कारण अदालत ने आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया:
- जब्त औषधि अदालत में पेश नहीं की गई: पुलिस द्वारा आरोपी से जब्त की गई औषधियों को अदालत में प्रस्तुत नहीं किया गया. यह एक महत्वपूर्ण चूक थी, क्योंकि जब्त औषधियों को साक्ष्य के रूप में अदालत में पेश करना आवश्यक होता है.
- स्वतंत्र गवाह पेश नहीं किया गया: पुलिस द्वारा किसी भी स्वतंत्र गवाह को अदालत में पेश नहीं किया गया. स्वतंत्र गवाहों की गवाही मामले को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
- संयुक्त कार्यवाही: पुलिस एवं औषधि विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही की गई थी, जिसमें बिना लाइसेंस औषधि की बिक्री एवं औषधि के खरीद बिल नहीं मिले थे।
अभियोजन पक्ष की ओर से वादी सहित चार गवाह अदालत में पेश किए गए थे. हालांकि, पुलिस द्वारा जब्त औषधि अदालत में प्रस्तुत न करने, स्वतंत्र गवाह के अभाव और आरोपी व्यवसायी के अधिवक्ता योगेश शुक्ला एवं गुंजन अग्रवाल के तर्कों के आधार पर विशेष न्यायाधीश ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट ज्योत्स्ना सिंह ने आरोपी को बरी करने का आदेश दिया. अदालत ने पुलिस की लापरवाही को गंभीरता से लिया और इसके चलते आरोपी को बरी कर दिया.