मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक मकान के सरकारी बंटवारे की जांच के लिए मौके पर पहुँची टीम के सामने ही एक दबंग ने शिकायतकर्ता पर राइफल तान दी। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बावजूद, पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला मैनपुरी कोतवाली क्षेत्र के कचहरी रोड स्थित डॉ. प्रमोद गुप्ता हड्डी विशेषज्ञ के समीप का है। शहर के स्टेशन रोड निवासी उमेश चंद्र सक्सेना और कन्नौज निवासी गंगाराम यादव (जो अब मैनपुरी के पीली कोठी, कचहरी रोड में रहते हैं) ने साल 1998 और 2001 में 2464 वर्ग फुट का एक मकान साझेदारी में खरीदा था। इस पर गंगाराम यादव का पूरा कब्जा था। उमेश चंद्र सक्सेना ने इस भूमि और मकान का सरकारी बंटवारा कराने के लिए न्यायालय में याचिका दायर की थी।
न्यायालय के आदेश पर 1 मई को जब जांच और नाप-तौल के लिए टीम मौके पर पहुँची, तो उमेश चंद्र और गंगाराम के बीच कहासुनी हो गई। इसी दौरान गंगाराम के पुत्र विकास यादव और सुनील यादव झगड़ा करने पर आमादा हो गए। उन्होंने गाली-गलौज करते हुए घर से लाइसेंसी राइफल निकाली और उमेश चंद्र सक्सेना पर जान से मारने की नीयत से तान दी।
राइफल तानने का वीडियो वायरल, कार्रवाई पर सवाल
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे राइफल तानी गई। पीड़ित उमेश चंद्र सक्सेना का कहना है कि अगर जरा सी भी चूक हो जाती तो मौके पर ही उनकी जान जा सकती थी। इस घटना के बाद से पीड़ित खौफ में जीने को मजबूर है। उन्होंने तत्काल कोतवाली पुलिस को तहरीर दी, लेकिन 16 दिन बीत जाने के बाद भी उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।
पीड़ित उमेश चंद्र सक्सेना न्याय पाने की उम्मीद में कोतवाली से लेकर उच्च अधिकारियों तक के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वायरल वीडियो में राइफल तानने का दृश्य साफ-साफ दिख रहा है, फिर भी पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
इस मामले में मैनपुरी पुलिस की भूमिका पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। क्या जांच के नाम पर मामले में लीपापोती की जा रही है? क्या विवेचक ने दबंगों से सांठगांठ कर ली है? या फिर मैनपुरी की योगी पुलिस दबंगों से खौफ खा रही है? ये बड़े सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस को देने होंगे।
पीड़ित उमेश चंद्र सक्सेना ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।