बिचपुरी, आगरा: बिचपुरी ब्लॉक के नानपुर पंचायत स्थित वर्षा स्टेट कॉलोनी के प्लाट धारक, जो रेलवे के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, शुक्रवार को भीषण गर्मी और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो गए। धरना स्थल पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिससे कई प्रदर्शनकारी बेहोश हो गए। यह घटना रेलवे और स्थानीय प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करती है।
चार दिन से चल रहा धरना, प्रशासन मौन
भारतीय किसान मजदूर यूनियन (भारत) से जुड़े प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे लगातार चार दिनों से अपनी उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। इसी अनदेखी के चलते शुक्रवार को कई लोगों की हालत बिगड़ी। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचीं और बीमार लोगों को इलाज के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।
रेलवे की नीतियों में बदलाव की मांग
संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ, मंजू परमार ने जोर देकर कहा कि प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि रेलवे अपनी अधिग्रहण नीतियों में बदलाव करे और स्थानीय लोगों की समस्याओं का स्थायी समाधान निकाले। आगरा के जिला अध्यक्ष प्रिंस जैसवाल ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया, “हम लगातार चार दिनों से बैठे हैं, लेकिन कोई अधिकारी हमारी सुनवाई के लिए नहीं आया। अब लोग बेहोश हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।”
भूख हड़ताल की चेतावनी, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल
धरना प्रदर्शन स्थल पर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं, जो इस तपती गर्मी में अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। पुष्पेंद्र सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो शनिवार से वे भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। हालांकि, अब तक रेलवे या प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
धरने पर मौजूद प्रमुख लोगों में संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ मंजू परमार, प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश सारस्वत, जिला अध्यक्ष आगरा प्रिंस जैसवाल, नरेश कुमार, चंद्र मोहन जादौन, रविंद्र चौधरी, हरपाल सिंह, प्रमोद कुमार, मोती, बाबूलाल, रविंद्र सिंह, प्रीतम सिंह, धर्मवीर सिंह, नेमीचंद, सुरेश चंद्र, सुनहरी लाल, अंसार खान, राकेश, शांति देवी, सीमा देवी, ज्ञान देवी, रीना देवी और ममता देवी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।