आगरा: ताजनगरी आगरा में 17 नवंबर 2024 को शूट की गई शॉर्ट फिल्म “एक कहानी स्त्री की” को रविवार शाम आयोजित “ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” के तीसरे दिन बेस्ट सोशल अवेयरनेस शॉर्ट फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह समारोह आगरा के जे. पी. ऑडिटोरियम, खंदारी कैंपस में हुआ, जहां फिल्म की पोस्टर विमोचन के बाद स्क्रीनिंग की गई। फिल्म को समाज में चल रहे महिलाओं, बच्चियों और बालिकाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार, अपहरण और बलात्कार पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया था।
फिल्म के प्रोड्यूसर और निर्देशक पंकज शर्मा और त्रिमोहन मिश्रा ने बताया कि यह शॉर्ट फिल्म विशेष रूप से वर्तमान समय में समाज में बढ़ रहे अपराधों के प्रति लोगों में संवेदनशीलता और जागरूकता लाने के लिए बनाई गई है। फिल्म ने समाज में महिला सुरक्षा को लेकर गहरी चिंताओं को उजागर किया है और इसने फिल्म फेस्टिवल में जूरी द्वारा सराहना प्राप्त की है।
फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान कई प्रमुख हस्तियाँ मौजूद थीं, जिनमें प्रसिद्ध गायक शंकर साहने, निर्देशक सूरज तिवारी, और डांसर रिषिका सिंह “इंडिया डांसिंग सुपरस्टार” प्रमुख थे। इन सभी ने शॉर्ट फिल्म की सराहना की और इसके निर्माण में लगे सभी कलाकारों और क्रू मेंबर्स को बधाई दी।
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फिल्म में आगरा शहर के कलाकारों ने प्रमुख भूमिका निभाई, जिनमें अनुष्का शर्मा, अंशिका अग्रवाल, स्वेता सिंह, पंकज शर्मा, त्रिमोहन मिश्रा, बॉबी देव, अमित शर्मा और अन्य कलाकार शामिल थे। इसके अलावा फिल्म के तकनीकी पक्ष में निखिल दत्त (लेखक), मनीष कुशवाह, और कृष्णा कुशवाहा (डी.ओ.पी.), रोहित शाह (एडिटिंग), और दीपक शर्मा (वॉइस आर्टिस्ट) का भी महत्वपूर्ण योगदान था।
“एक कहानी स्त्री की” शॉर्ट फिल्म में महिला सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों को बारीकी से उजागर किया गया है और इसे समाज में जागरूकता फैलाने के लिए फिल्माया गया है। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने भविष्य में भी इस तरह की संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषयों पर फिल्म बनाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने का संकल्प लिया है।
फिल्म के लाइन प्रोड्यूसर त्रिमोहन मिश्रा और प्रोडक्शन टीम में पुष्पा देवी, अनुज अग्रवाल, चांदनी अग्रवाल, दीपक देवसन और मेकअप आर्टिस्ट कामिनी श्रीवास्तव का भी विशेष योगदान रहा। मुख्य अतिथि के रूप में सावन चौहान, सूरज तिवारी, अमित तिवारी, अजय यादव, और इंजी. विशाल यादव का भी समर्थन मिला।
यह फिल्म केवल एक मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक गहरी सामाजिक संदेश है, जो हमें महिलाओं और बच्चों के अधिकारों, सुरक्षा, और सम्मान के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। इस फिल्म ने सोशल अवेयरनेस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और इसके निर्माता इसे एक लंबे समय तक समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम मानते हैं।