झांसी में बिजली संकट: पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने घेरा मुख्य अभियंता का कार्यालय, बोले- ‘जनता को बिजली चाहिए’

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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झांसी में बिजली संकट: पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने घेरा मुख्य अभियंता का कार्यालय, बोले- 'जनता को बिजली चाहिए'

झांसी, सुल्तान आब्दी: बुंदेलखंड में भीषण गर्मी के बीच बदहाल बिजली आपूर्ति से जूझ रही जनता की आवाज बनकर पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने शुक्रवार को मोर्चा खोल दिया। उन्होंने भारी संख्या में कांग्रेसजनों के साथ झांसी, ललितपुर और मऊरानीपुर-रानीपुर क्षेत्र में बिजली व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर मुख्य अभियंता विद्युत कार्यालय का दिन भर घेराव किया।

बिजली चाहिए, चाहे सौ मुकदमें दर्ज हों!

प्रदर्शन के दौरान प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि जनता को बिजली मिलना चाहिए और बदहाल बिजली व्यवस्था में सुधार होना ही चाहिए। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि वे इस मुद्दे पर लगातार संघर्ष करते रहेंगे और आवाज बुलंद करते रहेंगे, “चाहे उनके खिलाफ एक नहीं, सौ मुकदमें दर्ज हो जाएं।”

उन्होंने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली सुधार के नाम पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। उनके अनुसार, शहर में मुश्किल से छह घंटे बिजली मिल रही है, जबकि विभाग के उच्च अधिकारी यह बता रहे हैं कि झांसी शहर को 24 घंटे में से 21 घंटे 50 मिनट बिजली आपूर्ति की जा रही है।

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आदित्य ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए

  • क्षमता वृद्धि वाले ट्रांसफार्मर भी फुंक रहे हैं, क्योंकि विभाग को घटिया क्वालिटी के ट्रांसफार्मर मिल रहे हैं।
  • घटिया क्वालिटी की केबल डाली जा रही है, जिससे जनता को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
  • लोग रातों को सो नहीं पा रहे हैं और दिन में गर्मी के मारे बेचैन हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “जब बिजली नहीं दे रहे हो तो बिल क्यों?”
  • उन्होंने आशंका जताई कि सरकार बिजली को निजी हाथों में देना चाहती है, इसलिए जानबूझकर जनता को परेशान किया जा रहा है, ताकि बाद में बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपा जा सके।
  • झांसी में 132 केवीए के सब स्टेशन की आवश्यकता है और अच्छी क्वालिटी के ट्रांसफार्मर की जरूरत है जो विभाग को नहीं मिल रहे हैं।
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कर्मचारियों की कमी और वेतन से कटौती का मुद्दा

मुख्य अभियंता से बातचीत के दौरान यह जानकारी सामने आई कि सरकारी आदेशों के अनुसार, ट्रांसफार्मर जल जाने पर कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन से उसकी कीमत वसूल की जाती है। इसी कारण लोड बढ़ने पर बिजली आपूर्ति काट दी जाती है, ताकि ट्रांसफार्मर जलने से बचे। हाल ही में, एक ट्रांसफार्मर जल जाने पर एक कर्मचारी के वेतन से 1,49,514 रुपये की कटौती के आदेश जारी किए गए हैं।

इसके अलावा, बिजली सुधारने के लिए पहले 304 कर्मचारी दिए गए थे, जिन्हें कम करके 208 कर दिया गया है। इस तरह 96 कर्मचारियों की कटौती की गई है, जिसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। कर्मचारी कम होने से जनता की शिकायतों को दूर करने में अधिक समय लग रहा है। प्रदीप जैन आदित्य ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और विद्युत विभाग के एमडी नीतेश कुमार से फोन पर बात की। उन्होंने झांसी को 96 और कर्मचारी देने का आग्रह किया ताकि विभाग का काम सुचारू रूप से चल सके और इस भीषण गर्मी में जनता को कुछ राहत मिल सके।

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अधिकारियों का आश्वासन

मुख्य अभियंता के लंबे समय तक घेराव के बाद, एसएचओ नवाबाद, सीओ सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे। सभी अधिकारियों ने झांसी और ललितपुर की जनता की विद्युत आपूर्ति से संबंधित समस्या को समझा। सिटी मजिस्ट्रेट ने मुख्य अभियंता को स्टाफ की शीघ्र व्यवस्था करने और बिजली व्यवस्था ठीक करने के लिए कहा। मुख्य अभियंता द्वारा शीघ्र ही विद्युत व्यवस्था सामान्य किए जाने का आश्वासन दिया गया।

इस मौके पर पूर्व शहर अध्यक्ष इम्तियाज हुसैन, व्यापारी नेता मुकेश अग्रवाल, अखिलेश गुरुदेव, आशु ठाकुर, अनिल रिछारिया, अशोक कंसोरिया, वीरेंद्र कुशवाहा, मोहम्मद इदरीस, सोहन तिवारी, दिनेश वर्मा, रोवेश खान, मजहर अली और अनेकों कांग्रेसजन उपस्थित रहे।

 

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