मुठभेड़ और गिरफ्तारी
17 जनवरी की सुबह करीब 5:30 बजे पुलिस ने चोरों को घेर लिया, लेकिन आरोपियों ने पुलिस पर जानलेवा फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आत्मरक्षाहत फायरिंग की, जिसमें दो संदिग्धों के पैरों में गोली लगी। घायल होने वाले आरोपियों की पहचान रंजीत उर्फ कुलंडी (पुत्र भगवान सिंह) और शिवकुमार उर्फ सोनू (पुत्र बदन सिंह) के रूप में हुई, जबकि तीसरे आरोपी उम्मेश सिंह (पुत्र खेमा उर्फ खेम चंद्र) को पुलिस ने बिना किसी नुकसान के हिरासत में ले लिया। सभी आरोपी कागरोल थाना क्षेत्र के बाबू पाड़ा के निवासी हैं।
चोरी का माल बरामद
पुलिस ने आरोपियों से बड़ी मात्रा में चोरी का माल बरामद किया, जिसमें ₹2,56,000 की नकदी, सफेद धातु के बर्तन, सिक्के, दो अवैध तमंचे (315 बोर और 12 बोर), तीन खोखा कारतूस, दो जिंदा कारतूस, और एक मिसफायर कारतूस शामिल हैं। इस गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी लंबे समय से चोरी की घटनाओं में शामिल थे और उनकी गतिविधियाँ क्षेत्र में व्यापक थीं।
चिकित्सक दंपत्ति की चोरी में संलिप्तता
पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों का चिकित्सक दंपत्ति की चोरी में भी हाथ था। इस खुलासे से कई अन्य संदिग्ध चोरी की घटनाओं का पर्दाफाश हो सकता है। एसीपी इमरान अहमद ने बताया कि आरोपियों की संलिप्तता कई चोरी की वारदातों में पाई गई है, और पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारी टीम अन्य चोरी की घटनाओं में आरोपियों के संबंध का पता लगाने के लिए भी जांच कर रही है।”
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजना
इस बड़ी कार्रवाई को एसीपी इमरान अहमद के नेतृत्व में सफलता मिली, और थाना प्रभारी इंद्रजीत सिंह के मार्गदर्शन में पुलिस टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने फिल्ड यूनिट टीम को मौके पर बुलाकर सभी साक्ष्य एकत्र किए और आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अब यह सुनिश्चित करने के लिए अन्य घटनाओं की जांच कर रही है कि कहीं और भी आरोपियों का हाथ तो नहीं।
यह मुठभेड़ खेरागढ़ पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुई है, जिसने न केवल तीन चोरों को गिरफ्तार किया बल्कि चिकित्सक दंपत्ति की चोरी में भी उनकी संलिप्तता का खुलासा किया। पुलिस की कार्रवाई से यह भी साबित हुआ कि इन आरोपियों ने लंबे समय तक अपराधों को अंजाम दिया है। अब पुलिस इस मामले की पूरी गहनता से जांच कर रही है ताकि और भी अपराधों का खुलासा किया जा सके और दोषियों को सजा दिलवायी जा सके।