Etah News: पुलिसिया चुप्पी; न्याय इंतज़ार में, आरोपी मौज में!

Pradeep Yadav
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ऋषभ जैन

एटा: जनपद एटा के ग्राम फाफोतू में रामनवमी के पावन अवसर पर भगवान की शोभायात्रा निकाली गई, लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ लोगों ने इसे भक्ति और श्रद्धा का पर्व मनाने की बजाय शक्ति प्रदर्शन का मंच बना दिया। श्री ठाकुर जी विराजमान बलिकर्णेश्वर मंदिर से निकली इस यात्रा के दौरान दो गुट आपस में भिड़ गए, जिससे शोभायात्रा का सौहार्द भंग हो गया।

जानकारी के अनुसार, शोभायात्रा के दौरान एक तरफ शैलेंद्र जैन के समर्थक थे, तो दूसरी तरफ नवीन लोधी और उनके समर्थक अपना दबदबा दिखाने की कोशिश कर रहे थे। मामला केवल जयकारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दोनों पक्षों के बीच तनातनी बढ़ती चली गई, जिससे यात्रा का शांतिपूर्ण माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया।

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हालांकि यात्रा तो संपन्न हो गई, लेकिन यह अपने पीछे एक रहस्य और आशंका की कहानी छोड़ गई है, जिसकी शिकायत अब थाना रिजोर के रिकॉर्ड रूम में दर्ज है और शायद धूल फांक रही है।

घटना के बाद, 8 अप्रैल को शैलेंद्र जैन के भतीजे ऋषभ जैन ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। ऋषभ का आरोप है कि कुछ हथियारबंद लोगों ने न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि उन्हें अपमानित भी किया। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने इस घटना को धार्मिक उत्साह का मामूली दुष्प्रभाव मानते हुए कोई खास तवज्जो नहीं दी और चुप्पी साध ली।

पीड़ित ऋषभ जैन किसी तरह आरोपियों से बचकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। उन्होंने आरोपियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन दूसरी ओर से कुछ विरोधियों ने महिलाओं को उकसाकर थाने भेज दिया। शिकायत लेकर पहुंची इन महिलाओं ने पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश की, जिससे अब पुलिस भी यह तय नहीं कर पा रही है कि वास्तव में सही कौन है और गलत कौन।

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इस घटना के बाद ऋषभ जैन गहरे सदमे में हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके मन में यह आशंका घर कर गई है कि कहीं पुलिस भी दूसरे पक्ष की मनगढ़ंत कहानी में शामिल तो नहीं है, जो इतने दिनों से केवल मूक दर्शक बनी हुई है।

गांव के अन्य लोग भी पुलिस के इस कथित पक्षपातपूर्ण रवैये से चिंतित हैं। उनका मानना है कि जब पुलिस का रवैया इतना भेदभावपूर्ण है, तो गांव में शांति और व्यवस्था कैसे स्थापित होगी? अब तो गांव में यह चर्चा भी आम है कि शायद इस मामले में एफआईआर दर्ज होने से पहले ही अपराधी खुद ही आत्मसमर्पण कर जेल जाने की गुहार लगाएं, तभी शायद कुछ न्याय मिल पाएगा। इस घटना ने रामनवमी के पवित्र अवसर पर गांव में अशांति और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है।

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