एटा: जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों को भारी परेशानी, महीनों से काट रहे ब्लॉक और तहसील के चक्कर

Pradeep Yadav
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एटा: जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों को भारी परेशानी, महीनों से काट रहे ब्लॉक और तहसील के चक्कर

एटा (अलीगंज): उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की जटिल प्रक्रिया ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बच्चों के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोग महीनों से अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ब्लॉक, तहसील, नगर पालिका और नगर पंचायत कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन उनकी परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही।

आधार कार्ड के लिए अनिवार्य है जन्म प्रमाण पत्र

आज के समय में आधार कार्ड एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन चुका है। चाहे स्कूल में दाखिला हो, बैंक में खाता खुलवाना हो, या कोई सरकारी और निजी कार्यालय का काम हो, हर जगह आधार कार्ड की ज़रूरत पड़ती है। बच्चों के आधार कार्ड बनवाने और अन्य दस्तावेज़ीकरण के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है। इसी अनिवार्यता के कारण लोग बड़ी संख्या में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान घूम रहे हैं।

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छह माह से फाइलों में धूल फांक रहे दर्जनों आवेदन

जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रगति की स्थिति बेहद चिंताजनक है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दर्जनों जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन छह माह से भी अधिक समय से कार्यालयों की फाइलों में धूल फांक रहे हैं। इनकी बकायदा लिस्ट भी बनी हुई है, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ रहा। जब कोई आवेदक कार्यालय जाता है, तो उसे बताया जाता है कि फाइल दूसरे विभाग में है। जब वह दूसरे विभाग पहुंचता है, तो उसे वहां भी ऐसा ही जवाब मिलता है, जिससे लोग हताश हो रहे हैं।

कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और चालान की समस्या

कर्मचारियों की कार्यप्रणाली भी इस समस्या का एक बड़ा कारण बनी हुई है। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं, जिससे कर्मचारी काम करने से कतराते दिख रहे हैं। एक कर्मचारी ने बताया कि विकास खंडों द्वारा सैकड़ों आवेदन एक साथ भेज दिए जाते हैं, जिसके कारण फीडिंग में काफी समय लगता है। विकास खंडों से कहा गया है कि हर रोज़ आवेदनों को भेजा जाए ताकि एक साथ काम का बोझ न बढ़े और प्रमाण पत्र जल्दी बन सकें।

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इसके अतिरिक्त, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया में बैंक में चालान जमा करना भी ज़रूरी होता है, जिसके बिना आवेदन अधूरा माना जाता है। लोगों को परेशानी तब होती है, जब वे विकास खंड जाते हैं तो कई बार सचिव नहीं मिल पाते हैं। जब तक सचिव के हस्ताक्षर और मुहर नहीं लग जाती, लोग विकास खंडों के चक्कर काटते रहते हैं।

दस्तावेज़ों की लंबी फेहरिस्त

जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में आवेदकों को दस्तावेज़ जुटाने में भी पसीना आ जाता है। एक आवेदन के साथ कई दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ती है, जिनमें शामिल हैं:

  • एक प्रार्थना पत्र
  • आवेदक का आधार कार्ड
  • दो गवाहों के आधार कार्ड
  • वार्ड मेम्बर की रिपोर्ट
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री की रिपोर्ट
  • एक आवेदक का शपथ पत्र
  • दो गवाहों के शपथ पत्र
  • बैंक चालान
  • घोषणा पत्र
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प्रशासन को इस जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार करना चाहिए, ताकि आम जनता को बेवजह की परेशानियों से मुक्ति मिल सके और आवश्यक प्रमाण पत्र समय पर मिल सकें। क्या आपके क्षेत्र में भी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में ऐसी ही दिक्कतें आती हैं?

 

 

 

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