जैथरा (एटा) नगर पंचायत जैथरा में सार्वजनिक स्थानों पर प्यास बुझाने के लिए लगाए गए वाटर कूलर अब जान के दुश्मन बनते जा रहे हैं। बुधवार को एक 7 वर्षीय बच्ची देवी की वाटर कूलर से करंट लगने के कारण मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे नगर में हड़कंप मच गया और लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। सोशल मीडिया पर लोग अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
वाटर कूलरों से करंट आने की शिकायतें
बच्ची की मौत की खबर सामने आते ही नगर के नेहरू नगर, बस स्टैंड, बिजली घर, हॉस्पिटल चौराहा, दरियागंज तिराहा जैसे प्रमुख स्थलों पर लगे वाटर कूलरों की पड़ताल की गई, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। कई कूलरों में करंट आने की शिकायतें मिली हैं, जिससे साफ हो गया है कि यह केवल एक जगह की समस्या नहीं है, बल्कि नगर भर में फैली लापरवाही का नतीजा है।
लोगों के आरोप और प्रतिक्रिया
घटना के बाद कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि वाटर कूलर इंस्टॉलेशन के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई और अर्थ वायर का उपयोग नहीं किया गया, जिसकी वजह से मशीनों में करंट फैल रहा है। तकनीकी जानकारों के अनुसार, अर्थिंग न होने से कूलर के बाहरी हिस्से में करंट आ सकता है, जो सीधे संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकता है।
बच्ची की मौत के बाद आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैथरा पर लगे कूलर के तार काट दिए गए। हालांकि लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक लीपापोती है, वाटर कूलर के इंस्टॉलेशन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। विकास के खोखले दावे अब सबके सामने आते जा रहे हैं।
कुछ सवाल जो आपको जानने चाहिए ?
क्या वाटर कूलर लगाते समय कोई तकनीकी जांच की गई थी? क्या इंस्टॉलेशन के दौरान मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाए गए थे? और यदि नहीं, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है?