एटा, उत्तर प्रदेश: एटा जनपद में पिछले महीने आरक्षी अभ्यर्थियों के चिकित्सा परीक्षण में हुए कथित करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय तक पहुँच गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव गृह/गोपन विभाग को इस मामले में आवश्यक जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
सीएमओ की संलिप्तता की जांच की मांग
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव श्री ईशान प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव गृह को निर्देशित किया है, जिसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह गोपन ने अधीनस्थ अधिकारी को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। स्मरण रहे कि भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ (ट्रस्ट) उत्तर प्रदेश के स्टेट महासचिव अमोल चंद्र श्रीवास्तव ने इस पूरे प्रकरण में एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की भूमिका की प्रभावी जांच की मांग की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित पत्र/शिकायत में बीजीपीएस ने कहा है कि एटा जनपद में पुलिस भर्ती मेडिकल बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों से डरा-धमका कर अनुमानित 10 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई है। इस मामले में बोर्ड अध्यक्ष को रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, लेकिन एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका पर अभी तक कोई सवाल-जवाब नहीं किया गया है।
शिकायत में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पुलिस आरक्षी सीधी भर्ती वर्ष 2023 के तहत एटा जनपद में लगभग 755 अभ्यर्थियों का मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराया गया। इसमें अभ्यर्थियों से बोर्ड के सदस्यों, स्वास्थ्य विभाग के सक्रिय दलालों और उच्चाधिकारियों की शह पर खुलेआम डरा-धमका कर प्रति अभ्यर्थी डेढ़ लाख से ढाई लाख रुपये तक की वसूली की गई है। हैरत की बात यह रही कि जो अभ्यर्थी इस भ्रष्ट बोर्ड द्वारा फेल किए गए, वे मंडलीय बोर्ड के परीक्षण में पास हो गए।
जांच में बड़े खुलासे की उम्मीद
समझा जाता है कि यदि निष्पक्ष जांच हुई तो स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों सहित एक दर्जन से अधिक विभागीय कर्मी और उनके पालतू दलाल शिकंजे में आ सकते हैं।
लिखित शिकायत में यह भी कहा गया था कि इस बोर्ड के गठन में नियमों की सरासर अनदेखी की गई है। बोर्ड अध्यक्ष बनाए गए डॉ. अनुभव अग्रवाल पर दिव्यांगों से परीक्षण वसूली करने संबंधी जांच पहले से लंबित थी। ऐसे में, ऐसे व्यक्ति को इस चिकित्सा परिषद का अध्यक्ष क्यों बनाया गया, जबकि जनपद में अनेकों एसीएमओ और डिप्टी सीएमओ मौजूद हैं, यह जांच का विषय है।
इस मामले में स्थानीय पुलिस ने 9 अप्रैल को एफआईआर संख्या 0219/25 के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 61 (2) और धारा 308, सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 की धारा 10, धारा 11 और धारा 13 के तहत कोतवाली नगर के उप निरीक्षक शिवा जादौन ने अभियोग पंजीकृत कराया था। इस क्रम में बताया जा रहा है कि आरोपियों के बैंक एकाउंट खंगाले जा रहे हैं।
इधर, अपर मुख्य सचिव गृह ने एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से जांच आख्या के साथ समुचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। एटा जनपद में हुई इस साल की सबसे बड़ी घूसखोरी और भर्ती परीक्षा के नाम पर हुए करोड़ों के खेल को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय का एक्शन धरातल पर क्या रंग दिखाता है, यह देखने वाली बात होगी।