एटा। जैसे-जैसे जिला पंचायत चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, समाजवादी पार्टी (सपा) में गुटबाजी उभरने लगी है। एक-एक वार्ड से पांच-पांच दावेदार इस बार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि, जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कोई मजबूत उम्मीदवार अभी तक समाजवादी पार्टी में सामने नहीं आया है, लेकिन सपा से सदस्य का चुनाव लड़ने वालों की कमी नहीं है।
अगले साल होने वाले जिला पंचायत चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं। जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता जुगेंद्र यादव के चुनाव लड़ने की संभावना कम है। वहीं, पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू की नजर एटा के जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर है।
दूसरे जनपदों की तुलना में एटा ऐसा जिला है जहां लोधी नेताओं को राजनीति करने के लिए अवसर मिला है। लोकसभा सीट हाथ से निकल जाने के बाद, राजवीर सिंह राजू अपने छोटे बेटे को एटा के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतार सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्यों ने पर्दे के पीछे रहकर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजवीर सिंह राजू की मदद की थी। ऐसे भितरघाती सपा सदस्य भारतीय जनता पार्टी का संरक्षण लेकर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने की इच्छा रखते हैं।
जिला पंचायत सदस्यों की ऐतिहासिक कीमतों पर बिकने की परंपरा को देखते हुए, सपा से जुड़े नेता भी दोबारा चुनाव जीतने के लिए किसी भी दल का समर्थन लेने को तैयार हैं। जो गद्दार सदस्य इस बार भारतीय जनता पार्टी का साथ दे रहे हैं, वे चुनाव जीतने के लिए भाजपा की टिकट भी जुगाड़ने में लगे हैं। मौजूदा दौर में भारतीय जनता पार्टी की टिकट जीत की गारंटी मानी जाती है।