अलीगंज, एटा- जनपद एटा की तहसील अलीगंज में एक हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है। एक वृद्व को पेंशन के बहाने लाकर उससे उसकी भूमि का बैनामा करवा लिया गया। जब बुजुर्ग को इसकी जानकारी हुई तो उसने बैनामा निरस्तीकरण के लिए न्यायालय में वाद कर दिया। वाद दायर होने के बाद आरोपियों ने राजस्व अधिकारियों से सांठ-गांठ कर खतौनी में अपना नाम दर्ज करवा लिया और बेरोकटोक निर्माण कर रहे है। वहीं पीडित अधिकारियों के चक्कर काट-काटकर परेशान है, लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वर्तमान में उस भूमि की कीमत करोडों रूपए में बताई जा रही है।
अलीगंज के ग्राम सराय अगहत निवासी पीडित बुजुर्ग सोनेलाल पुत्र प्यारेलाल की वर्तमान में उम्र लगभग 70 वर्ष है। सोनेलाल ने शिकायती पत्र में कहा है कि बीते पांच वर्ष पहले ग्राम कलुआ टीलपुर निवासी जीत सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह, अमरपाल सिंह पुत्र शिववीर सिंह उसको वृद्ववस्था पेंशन बंधवाने के लिए अलीगंज लाए थे। इन लोगों ने धोखा देकर उसकी सराय अगहत मौजा की आराजी गाटा संख्या 1397 का फर्जी तरीके से बैनामा करा लिया। सोनेलाल को धोखाधडी की जानकारी हुई तो उन्होंने बैनामा निरस्तीकरण के लिए सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर कर दिया।
वाद दायर होने के बाद भूमि का हुआ दाखिल खारिज
हैरान करने वाली बात तो यह है कि बैनामा निरस्तीकरण के लिए वाद न्यायालय एटा में दायर है, इसके बाद आखिर कैसे बैनामा का दाखिल खारिज हो गया है। जबकि पीडित ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी सहित अन्य उच्चाधिकारियों से की है। बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि तहसील कर्मियों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इस वर्ष दाखिज खारिज हुआ है।
निर्माण कार्य जारी, नहीं सुन रहे अधिकारी
पीडित सोनेलाल का कहना है कि दबंग लोग उसकी भूमि पर लगातार निर्माण कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी उसकी एक नहीं सुन रहे है। बुजुर्ग का कहना है कि उसको आंखों व कानों से दिखाई-सुनाई नहीं देता है, इसी का फायदा उठाकर षडयंत्र रच कर उसके साथ छल किया है।