एटा (जैथरा) । जनपद के जैथरा विकासखंड सभागार में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जल संरक्षण के महत्व पर विशेष ध्यान दिया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए खंड विकास अधिकारी मोहम्मद जाकिर ने कहा, “जल हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बिना जल के जीवन संभव नहीं है। इसलिए हमें मिलकर जल संरक्षण करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में वही देश सशक्त और मजबूत होगा जिसके पास पीने योग्य पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल रहेगा।”
कार्यशाला में प्रशिक्षक नारायण लाल ने बताया कि किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग का योगदान आवश्यक है। उन्होंने जल जीवन मिशन को सफल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इसके तहत विकासखंड के सभी ग्राम पंचायतों में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
लखनऊ के प्रशिक्षक आशुतोष ने बताया, “भारत का 80% सतही जल प्रदूषित है, जो यह दर्शाता है कि भारत जल आपातकाल से गुजर रहा है। देश में जल संसाधनों की गुणवत्ता में कमी और जनसंख्या में वृद्धि के कारण प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता में भारी गिरावट आई है।”
जिला अनुश्रवण इकाई के विजेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे देश में 70% बीमारियां जल जनित हैं, जैसे उल्टी-दस्त, कालरा, डायरिया और पीलिया। उन्होंने एफएचटीसी कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक घर को नल से अच्छादित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर आईएसए कोऑर्डिनेटर डॉक्टर अजीत सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी मधुरानी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ममता पांडे, आशा रानी, रजनी देवी, मंजू चौहान, अभिषेक, विकास और रहमान इत्यादि उपस्थित रहे।
कार्यशाला के अंत में जल संरक्षण की दिशा में सामूहिक प्रयासों के लिए सभी को प्रेरित किया गया।