एटा: एटा जिले के जलेसर उपजिलाधकारी भावना विमल द्वारा तहसील क्षेत्र चुरथरा पर तैनात लेखपाल कोशलेन्द्र सिंह का निलंबन किए जाने के बाद लेखपालों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। लेखपालों ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है। यदि निलंबन आदेश वापस नहीं लिया जाता है, तो उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने आगामी 21 जनवरी को कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।
लेखपालों ने एसडीएम पर लगाए गंभीर आरोप
निलंबन की इस कार्रवाई को लेकर लेखपालों का कहना है कि उपजिलाधिकारी भावना विमल द्वारा उनके साथी लेखपाल को बिना किसी स्पष्ट कारण के निलंबित किया गया है। शुक्रवार की देर शाम तहसील परिसर स्थित उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के कार्यालय में हुई आपात बैठक में लेखपालों ने आरोप लगाया कि तहसील प्रशासन उनके खिलाफ जानबूझकर प्रताड़ना की कार्रवाई कर रहा है। बैठक में यह बात भी सामने आई कि एसडीएम ने लेखपाल कोशलेन्द्र सिंह के निलंबन के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
21 जनवरी को कार्य बहिष्कार की चेतावनी
लेखपालों ने एसडीएम भावना विमल को चेतावनी दी है कि यदि कोशलेन्द्र सिंह का निलंबन आदेश वापस नहीं लिया गया, तो आगामी 21 जनवरी 2025 को सभी लेखपाल तहसील जलेसर में कार्य बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे। लेखपालों का कहना है कि अगर एसडीएम द्वारा निलंबन आदेश को लेकर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो इसका गंभीर परिणाम हो सकता है। लेखपाल संघ ने यह भी कहा कि यह केवल एक व्यक्ति के निलंबन का मामला नहीं है, बल्कि सभी लेखपालों की प्रतिष्ठा और कामकाजी माहौल से जुड़ा हुआ है।
बैठक में रहे प्रमुख सदस्य
आपात बैठक में अरुण कुमार जादौन, पवन कुमार यादव, आशू कुमार सिंह, बृजेश कुमार यादव, जितेन्द्र कुमार, रंजना सिंह, रजत कुमार, विजेन्द्र सिंह, कोशलेन्द्र सिंह सहित अन्य लेखपालगण उपस्थित रहे। सभी लेखपालों ने एकजुट होकर निलंबन के खिलाफ आवाज उठाई और एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एसडीएम से संपर्क की कोशिश
इस मामले पर एसडीएम भावना विमल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने सीयूजी नंबर पर कॉल का जवाब नहीं दिया। उनके द्वारा प्रतिक्रिया न दिए जाने से मामला और भी तूल पकड़ रहा है।
निलंबन का कारण अस्पष्ट
लेखपालों का कहना है कि निलंबन का कारण अब तक स्पष्ट नहीं किया गया है। यह कार्रवाई बिना किसी स्पष्ट कारण के की गई है और इससे पूरी तहसील में असंतोष का माहौल बन गया है। लेखपालों का मानना है कि यह कार्रवाई अनुचित और एकतरफा है, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन करती है।