जैथरा (एटा): किसानों को सरकार द्वारा रियायती दर पर उपलब्ध कराए जा रहे धान के बीज के लिए आज राजकीय कृषि बीज भंडार जैथरा पर किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ा। दर्जनों किसान सुबह से लाइन में खड़े थे, लेकिन गोदाम प्रभारी कृष्ण पाल सिंह सुबह 10:45 बजे तक भी नहीं पहुंचे, जिससे किसानों में भारी बेचैनी और नाराजगी देखी गई।
लापरवाही से किसानों को भारी परेशानी
सरकार का उद्देश्य किसानों को समय पर रियायती दरों पर बीज उपलब्ध कराकर बुवाई शुरू कराना और उत्पादन बढ़ाकर उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचाना है। हालांकि, जैथरा में वितरण व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों की लापरवाही ने इस नेक प्रयास को पलीता लगा दिया। किसानों का आरोप है कि कर्मचारी उनकी परेशानियों से इस्तपाक नहीं रखते।
एक बुजुर्ग किसान ने नाराजगी भरे लहजे में कहा, “हम रोज सुबह चार बजे खेत में काम शुरू करते हैं, और दोपहर तक की मेहनत से ही घर का चूल्हा जलता है। अगर बीज लेने में ही पूरा दिन बर्बाद हो जाए तो बाकी काम कैसे होगा?” यह सवाल किसानों की उस पीड़ा को दर्शाता है, जब उनके एक-एक पल कीमती होते हैं।
किसानों के समय की नहीं कोई कीमत?
किसानों का कहना है कि अधिकारी और कर्मचारी शायद यह नहीं समझते कि किसान के समय की भी कीमत होती है। जब पूरे दिन कड़ी मेहनत के बाद उन्हें मुश्किल से दो वक्त की रोटी नसीब होती है, तब ऐसी लापरवाही उनके लिए असहनीय हो जाती है। यह स्थिति किसानों के जीवन और उनकी आजीविका पर सीधा असर डालती है।
पारदर्शी और समयबद्ध व्यवस्था की मांग
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि बीज वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने की अपील की है कि गोदामों पर जिम्मेदार कर्मचारी की उपस्थिति अनिवार्य हो, ताकि किसानों को बेवजह भटकना न पड़े और उनका कीमती समय बर्बाद न हो।