एटा: जूता चुराई की रस्म बनी जंग का मैदान, दुल्हन छोड़कर लौटी बारात!

Pradeep Yadav
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जूता चुराई की रस्म में हो गया बवाल, निकाह के बाद बिना दुल्हन के लौटी बरात

एटा: जिले के राजा का रामपुर थाना क्षेत्र के गांव लुहारी गवी में एक शादी उस समय शर्मनाक विवाद में बदल गई, जब मामूली सी जूता चुराई की रस्म के दौरान दूल्हा और दुल्हन पक्ष आपस में भिड़ गए। शनिवार को कासगंज जनपद के विटोना गांव से आई बारात का निकाह शांतिपूर्वक संपन्न हो गया था, लेकिन इस रस्म के दौरान हुआ मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि रविवार को बारात को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा।

विटोना गांव से बारात दोपहर में लुहारी गवी पहुंची। दूल्हा तालिब और दुल्हन खुशनुमा का निकाह मौलवी द्वारा पढ़ा दिया गया और शादी की अन्य रस्में खुशी-खुशी निपट गईं। विदाई की तैयारियां चल रही थीं, तभी जूता चुराई की रस्म शुरू हुई। दुल्हन की छोटी बहन ने दूल्हे तालिब से नेग के तौर पर 1000 रुपये की मांग की। इसके जवाब में दूल्हे के पक्ष ने केवल 200 रुपये दिए, जिससे विवाद की शुरुआत हुई।

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मामला तब और बिगड़ गया जब दूल्हे के पिता शाकिब खान ने कथित तौर पर लड़की का हाथ पकड़ते हुए कहा कि जूता पहले पैर में पहनाओ, तभी पैसे मिलेंगे।

दुल्हन पक्ष के परिवार वालों का आरोप है कि इस दौरान दूल्हे की मां ने अपमानजनक टिप्पणी करते हुए यहां तक कह दिया कि लड़की को कार की डिक्की में डालकर ले जाएंगे। इसके अलावा, दूल्हे की बहन द्वारा कथित रूप से घर ले जाकर काटेंगे जैसी धमकी भी दी गई, जिससे दुल्हन पक्ष बुरी तरह से सहम गया और उन्होंने विदाई करने से साफ इनकार कर दिया।

दुल्हन के पिता लाल मोहम्मद, जो लंबे समय से बीमार हैं, ने बताया कि उन्होंने अपनी क्षमता से बढ़कर शादी की तैयारियां की थीं और दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के लिए हाथ जोड़कर माफी भी मांगी। रात भर गांव में पंचायत बैठी रही और मामले की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका। आखिरकार रविवार दोपहर तक जब कोई सहमति नहीं बन पाई, तो बारात को मजबूरन अपनी दुल्हन को छोड़कर खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा। इस घटना से दोनों परिवारों में गहरा दुख और निराशा का माहौल है, और एक खुशहाल शादी का अंत एक कड़वे विवाद के साथ हुआ।

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