पवन चतुर्वेदी, एटा
सरकार भले ही प्रदेश में लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा करने का प्रयास कर रही हो मगर विभागीय जिम्मेदारों का लापरवाह रवैया गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए कितना मुश्किल हालातों से गुजरने के लिए मजबूर कर देता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैथरा में अभी कुछ समय पूर्व सी.बी.सी. (कंपलीट ब्लड काउंट) मशीन लगाई गई थी ताकि मरीज के खून की जांच निशुल्क की जा सके। मशीन लगे अभी 6 महीने भी पूरे नहीं हुए तब तक खराब हो गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैथरा पर लगी सी.बी.सी. मशीन पिछले कई दिनों से खराब पड़ी हुई है। दूर – दराज क्षेत्र से पहुंचने वाले मरीजों को बिना खून जांच कराये ही वापस लौटना पड़ रहा है। मशीन खराब होने की वजह से चिकित्सकों ने भी मरीज को सलाह तक देना बंद कर दिया है। वो भी सिर्फ मलेरिया की जांच लिख देते हैं ताकि मरीजों को बाहर न भटकना पड़े।
अगर सामान्य जांचों में बात की जाए तो सी.बी.सी. टेस्ट की सबसे ज्यादा जांच करवाई जाती है। इसमें खून के सभी अवयवों की अलग अलग जांच होती है। एनीमिया, लुकेमियां सहित अन्य संक्रमणों की विस्तृत श्रृंखला पता करने में इसका उपयोग होता है। उसके गुण दोष के आधार पर रोग पकड़ में आता है। मगर अस्पताल में खराब पड़ी मशीन मरीजों को बाहर का रास्ता दिखा रही है।
गांव जखा निवासी रवि कुमार ने बताया उन्हें दो-तीन दिन से बुखार आ रहा है। अस्पताल में खून जांच करने आया था। डॉक्टर ने मलेरिया की जांच लिखकर दवाइयां दे दी हैं। मशीन खराब होने के कारण सी.बी.सी की जांच नहीं हो पाई है।
गांव नगला नौगजा निवासी देवेंद्र अपनी पत्नी को लेकर जांच कराने के लिए अस्पताल गए थे। लैब टेक्नीशियन ने खराब मशीन का हवाला देकर उन्हें वहां से टरका दिया। अब उन्हें प्राइवेट 200 रूपये देकर जांच करानी पड़ेगी।
चिकित्सा प्रभारी राहुल चतुर्वेदी ने बताया रीजेंट खत्म हो गया है। डिमांड भेज दी गई है। रीजेंट आने के बाद जांचें चालू हो जायेंगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सीबीसी मशीन खराब, मायूस लौट रहे हैं मरीज

प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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