संवाददाता: प्रदीप यादव जैथरा, एटा
आरबीएसके कार्यक्रम के तहत अनुबंधित गाड़ियों के किराए के भुगतान में बड़ा खेल हुआ है। नियमों को ताक पर रखकर लाखों रुपए की हेराफेरी की जा रही है। कागजों में टैक्सी परमिट आधारित वाहनों को दर्शाया गया है जबकि हकीकत में बिना टैक्सी परमिट के ही वाहनों को दौड़ाया जा रहा है। उससे भी अधिक हैरानी की बात है कि हेल्थ टीम द्वारा लॉग बुक पर हस्ताक्षर न किए जाने के बावजूद चिकित्सा प्रभारी जैथरा राहुल चतुर्वेदी द्वारा स्वयं हस्ताक्षर कर लाखों रुपए का भुगतान कराया जा रहा है।
बता दें आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत अट्ठारह वर्ष से कम आयु के बच्चों की निशुल्क स्वास्थ्य जांच की जाती है। हेल्थ टीम को चिन्हित केंद्र पर जाने के लिए एक टैक्सी परमिट वाहन का प्रावधान है।
इन वाहनों के किराए के भुगतान में लाखों रुपए घपले की आशंका जताई जा रही है ।सिर्फ कागजों में वाहनों को दौड़ाकर जन कल्याणकारी योजना का गला घोंटा गया है। स्वास्थ्य केंद्र जैथरा में हुए इस घपले की जांच की जाए तो, कई और चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। वहीं इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी उमेश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि इस तरीके की अनियमितताओं की जानकारी नहीं है। यदि नियम विरुद्ध वाहन संचालित हैं ,तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में वाहनों के भुगतान में गोलमाल
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a comment