संवाददाता— प्रदीप यादव जैथरा, एटा
जनपद एटा के कस्बा जैथरा में शनिवार को एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक और जान ले ली। पिछले कई वर्षों से बेखौफ झोलाछाप न जाने अभी तक कितनी जाने ले चुका होगा। अभी हाल ही में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इसका क्लीनिक सील कर दिया था। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग में अपनी मजबूत पकड़ के चलते लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ जारी है। ये झोलाछाप सस्ते इलाज के चक्कर में फसाकर, भोले भाले लोगों तक अपनी आसानी से पहुंच बना लेते हैं और उपचार के नाम पर मौत परोस दी जाती है।
कस्बे में डॉक्टर अरविंद का क्लीनिक गांव देहात से आने वाले गरीब वर्ग के लोगों में खासा मशहूर है । नगला भवानी निवासी सचिन अपने डेढ़ वर्षीय बीमार पुत्र अनमोल का इलाज कराने के लिए पहुंचा था। डॉक्टर ने उसे खाने के लिए गोलियां दी जिससे उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी। और उपचार के दौरान ही नन्हे मासूम की मौत हो गई।
ऐसे में सवाल पैदा होता है कि कब ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम लग सकेगी या यूं ही जिम्मेदारों के रहमों करम पर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ होता रहेगा।
झोलाछाप कस्बे में बांट रहा है मौत, डेढ़ वर्षीय मासूम की ली जान-

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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