प्रदीप यादव जैथरा,
एटा: जनपद के जैथरा थाना क्षेत्र के गांव में मामूली कहासुनी में विवाद बढ़ गया। एक पक्ष के लोगों पर दूसरे पक्ष के लोगों ने तावड़ – तोड़ लाठियां बरसा दी। जिससे एक पक्ष बुरी तरह लहूलुहान हो गया। फरियाद लेकर चौकी – थाने पहुंचे पीड़ित पक्ष की पुलिस भी ज्यादा मदद न कर सकी । पुलिस के मुंशी ने घायलों की स्थिति देखकर उन्हें मजरूब चिट्ठी देकर वहां से चलता कर दिया। मुसीबत के मारे बेचारे स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार और पुलिस रिपोर्ट के लिए जख्मों की पुष्टि करने वाली डॉक्टरी रिपोर्ट लेने जा पहुंचे। स्वास्थ्य केंद्र पर भी उनके साथ छलावा ही हुआ। हुआ यूं कि उनके जख्मों पर तो मरहम लगा दिया किंतु पुलिस रिपोर्ट के लिए आवश्यक डॉक्टरी रिपोर्ट , सिर्फ इसलिए नहीं दी गई कि वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। अब घायलों का चिकित्सकीय परीक्षण कौन करें ? अधीनस्थ स्वास्थ्य कर्मियों ने आपका मेडिकल एटा होगा, यह कहकर पांचो घायलों को रेफर स्लिप थमा दी। उससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण तब हुआ जब एटा पहुंचकर उन्हें यह पता चला कि उनका चिकित्सकीय परीक्षण जैथरा में किया जाना है । हर तरफ से परेशान अपने भाग्य को कोसते हुए बूढ़ा बाप अपने चार जख्मी जवान बेटों को लेकर रात में दर-दर भटकने को मजबूर, मन ही मन ईश्वर से फरियाद करने के सिवाय उसके पास कोई और विकल्प नहीं था। इसीलिए थाने के बाहर यात्री प्रतीक्षालय में बैठकर भोर होने का इंतजार करता रहा। सुबह होने पर जब दोबारा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तब उसे पता चला की डॉक्टर साहब 11:30 बजे आएंगे उसके बाद ही उनका मेडिकल परीक्षण किया जा सकेगा।
*क्यों हुआ संघर्ष*
एक पक्ष का व्यक्ति पुष्पेंद्र गांव की दुकान से कुछ सामान लेने गया था। रास्ते में अंकित से किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई। विवाद बढ़ने पर दोनों के घर वाले एकत्र हो गए। चंद्रभान, चंद्रसेन, अंकित और पंकज ने मिलकर शैलेंद्र, रविंद्र ,अरविंद और पुष्पेंद्र के साथ उसके पिता के ऊपर लाठी डंडों से अचानक हमला कर दिया। जिससे पांचो लोग बुरी तरह घायल हो गए।
*अस्पताल में होता चिकित्सक तो न उठानी पड़ती इतनी मुसीबत*
चौकी क्षेत्र धुमरी के गांव फगनौल में हुए खूनी संघर्ष के बाद राम खिलाड़ी अपने चार लहू लुहान बेटों के साथ स्वास्थ्य केंद्र जैथरा पहुंचे तब उस समय कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। बड़ी मुश्किल से घायलों की मरहम पट्टी की गई । ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सा कर्मियों ने डॉक्टर के नदारद होने की बात छुपाने के लिए घायलों को जिला अस्पताल में रेफर स्लिप देकर भेज दिया। डॉक्टर की गैर मौजूदगी मुसीबत के मारे राम खिलाड़ी को जख्मी बेटों के साथ फुटबॉल की तरह खेल खिलाएगी यह उसे शायद ही पता होगा ।