संवाददाता: प्रदीप यादव जैथरा, एटा
जहां प्रदेश सरकार किसानों को लगातार लाभ देने के लिए तमाम योजनाएं और नीतियां लागू कर किसानों को आर्थिक सबल बनाने की दिशा में प्रयासरत है। वही कुछ विभागों में मनमाने ढंग से अधिकारी व कर्मचारी किसानों के सीमित संसाधनों को कमजोर करने में लगे हुए हैं। दक्षिणांचल विद्युत निगम लिमिटेड इन दिनों किसानों को निजी नलकूप (पीटीडब्ल्यू) कनेक्शन देने के लिए आंखें बंद किए हुए है । नियमों को ताक पर रखकर ग्रामीण क्षेत्रों में नए उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिए जा रहे हैं। विभाग इस बात से पूरी तरह बेखबर है कि उसकी अनदेखी से किसान को कितना नुकसान हो सकता है।
जानकारी के अनुसार विकास क्षेत्र अलीगंज अंतर्गत निवासी नगला प्रेमी की एक किसान फूलवती पत्नी रामवीर के पास 5 वर्ष पुराना एक निजी नलकूप है। 40 मीटर की दूरी पर मार्गश्री पत्नी श्रीकृष्ण निवासी नौ गजा के नाम फर्जी बोरिंग प्रमाण पत्र जारी कर निजी नलकूप का नया कनेक्शन दिया जा रहा है। जो नियम विरुद्ध है। पीड़ित नलकूप स्वामी ने अधिशासी अभियंता को लिखित शिकायत देकर नलकूप का बोर खराब होने की आशंका जाहिर की है।
पीड़ित किसान के लिए जांच बनी आफत-
पीड़ित किसान की शिकायत पर अधिशासी अभियंता ने खंड विकास अधिकारी अलीगंज को जांच सौंप कर मामले में संज्ञान लेने की बात कही है। खंड विकास अधिकारी को मिली जांच बोरिंग टेक्नीशियन से कराई गई उसमें बोरिंग टेक्नीशियन ने स्पष्ट किया कि मार्ग श्री पत्नी श्री कृष्ण ने गलत तरीके से बोरिंग प्रमाण पत्र हासिल किया है। बावजूद इसके अभी इस समस्या का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।
कई महीनों से चल रही जांच पूरी हो पाती तब तक विद्युत विभाग ने एस्टीमेट बनाकर निजी नलकूप का सामान जारी कर दिया है।
बिना जांच दिए जा रहे हैं निजी नलकूप कनेक्शन
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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