इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के कोतवाली क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक ठाकुर नरसिंह जी महाराज बाबा गोपाल दास मंदिर में एक बड़ी चोरी की वारदात सामने आई है। चोरों ने बुधवार तड़के मंदिर के भीतर घुसकर राधा रानी की करीब 7 किलो वजनी अष्टधातु की मूर्ति, लड्डू गोपाल और गरुड़ जी की मूर्तियां, चक्र तथा सोने-चांदी के आभूषण चुरा लिए। इस चोरी से इलाके में हड़कंप मच गया है, क्योंकि यह मंदिर मुग़लकाल से भी पुराना माना जाता है और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।
चोरी का खुलासा कैसे हुआ?
यह घटना तब सामने आई जब मंदिर के पुजारी सुबह तड़के पूजा के लिए पहुंचे। पुजारी ने देखा कि मंदिर का ताला टूटा हुआ था और महाराज का आसन बिखरा पड़ा था। श्री कृष्ण की मूर्ति जमीन पर गिरी हुई थी, जिससे यह स्पष्ट था कि चोरी की वारदात हुई है। पुजारी ने तुरंत मंदिर के प्रबंधक को सूचित किया, जिन्होंने पुलिस को जानकारी दी।
मंदिर प्रबंधक भगवान दास शुक्ला ने बताया, “सुबह तीन बजे जब महंत जी पांच बजे वाली आरती के लिए उठे तो उन्होंने देखा कि मंदिर का ताला खुला हुआ था और राधा रानी की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी। साथ ही लड्डू गोपाल, गरुड़ जी और एक चक्र भी गायब थे।”
पुलिस ने शुरू की जांच
चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। एसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी, सीओ सिटी रामगोपाल शर्मा, इंस्पेक्टर कोतवाली विक्रम सिंह चौहान सहित कई चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। फॉरेंसिक और सर्विलांस टीमें भी घटना स्थल पर पहुंचकर सबूत जुटाने में जुट गई हैं। पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है और जल्द ही इस चोरी की वारदात का खुलासा किया जाएगा।
चोरी का तरीका
मंदिर के प्रबंधक ने बताया कि चोर ने पहले मंदिर के एक कोने में रखी चाबी उठाई और फिर मुख्य मंदिर का ताला खोलकर चोरी की। चोर ताला और चाबी दोनों साथ ले गया, जिससे यह साफ होता है कि यह चोरी सुनियोजित थी। हालांकि, वेंकटेश जी की मूर्ति और चांदी का मुकुट मंदिर में बच गया, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि चोर केवल कुछ खास मूर्तियों और आभूषणों को ही चुराना चाहते थे।
मंदिर की महत्ता
यह मंदिर 500 वर्ष से भी पुराना है और इलाके के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। प्रतिदिन यहां बड़ी संख्या में भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, जिनकी आस्था इस मंदिर में बसी हुई है। इसलिए इस चोरी से न सिर्फ श्रद्धालुओं, बल्कि पूरे इलाके में खलबली मच गई है।
अतीत से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर की चोरी
यह मंदिर मुग़लकाल से भी पुराना है और इसकी ऐतिहासिक धरोहर को लेकर जिले भर में प्रसिद्ध है। चोरों द्वारा यहां की बेशकीमती मूर्तियों और आभूषणों की चोरी ने इस ऐतिहासिक धरोहर को नुकसान पहुंचाया है। इस मंदिर के महत्व को देखते हुए अब प्रशासन और पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए हरसंभव प्रयास करने की बात कही है ताकि चोरों को पकड़ा जा सके और चुराई गई मूर्तियों को वापस लाया जा सके।
पुलिस का दावा
पुलिस का कहना है कि चोरों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही, घटना की जांच में जुटी फॉरेंसिक और सर्विलांस टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि इस मामले में जल्दी ही कोई ठोस सुराग मिले। पुलिस ने यह भी कहा कि इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जाएगी ताकि चोरी के मामले में कुछ जानकारी प्राप्त हो सके।